शिलांग उत्तरपूर्व भारत का एक बहुत ही खूबसूरत शहर है। मेघालय राज्य की राजधानी, यह शहर मनमोहक दृश्यों से भरा हुआ है। मेघालय शब्द दो शब्दों को जोड़ कर बना है। मेघ+आलय यानी बादलों का घर। और वाकई यहां आकर आपको लगेगा कि आप बादलों के बीच में रह रहे हैं। प्रकृति ने मेघालय को दिल खोल कर सुंदरता दी है और शिलांग इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। शिलांग को पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है। दरअसल अँगरेज़ जब यहां आए थे तो यहाँ के घुमावदार पहाड़ उन्हें स्कॉटलैंड की याद दिलाते थे जहां ऐसे ही पहाड़ होते हैं, इसलिए उन्होंने इसे यह नाम दे दिया।
लेकिन शिलांग सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता के लिए नहीं जाना जाता। इसका अपना खुद का एक इतिहास है जो यहाँ की बहुत सी ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों में आपको दिखेगा। शिलांग ब्रह्मपुत्र और सुरमा घाटियों के बीच में स्थित है। चीड़ के पेड़ों से घिरा यह शहर अपने आप में अनूठी प्राकृतिक सुंदरता समेटे हुए है। समुद्र तट से इसकी औसत ऊंचाई लगभग 5000 फीट है जबकि यहां की सबसे ऊँची जगह है शिलांग पीक (चोटी) जिसकी ऊंचाई करीब 6500 फीट है।
शिलांग का इतिहास
शिलांग को इसका नाम ली शिलांग से मिला है। यह शिलांग पीक पर राखी हुई एकमूर्ति है जिसकी पूजा की जाती है। पहले यह असम प्रदेश का हिस्सा था लेकिन फिर उसमें से एक छोटे से राज्य को अलग निकाला गया और साल 1972 में इसे मेघालय के रूप में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। यहां के निवासी मुख्यत: खासी जनजाति से संबंध रखते हैं।
मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग में देखने लायक इतनी जगहें और चीज़ें हैं कि एक लेख में उन सब के बारे में बताना संभव नहीं है। लेकिन यहाँ हम आपको शिलांग के कुछ मुख्य आकर्षणों के बारे में बताएंगे जिन्हें देखना और जहाँ जाना एक ना भूलने वाला अनुभव हो सकता है।
एलीफैंट फाल्स
हालांकि शिलांग में कई वॉटरफॉल हैं लेकिन यह उनमें से सबसे खूबसूरत है। शहर से 12 किलोमीटर दूर स्थित एलीफैंट फाल्स को यह नाम देने की वजह थी इसके तल पर पड़ा हुआ हाथी के पेअर के आकार का एक पत्थर। हालांकि बाद में यह पत्थर भूकंप की वजह से टूट गया। यह पहाड़ों से तीन लगातार झरनों के रूप में गिरता है और इसमें ऐसे पत्थत हैं जो पंखों जैसे पत्तों से ढके रहते हैं। इसका सबसे ऊपर का हिस्सा घने पेड़ों से ढाका हुआ है। दूसरा हिस्सा ज़्यादा चौड़ा नहीं है। लेकिन तीसरा हिस्सा सबसे दर्शनीय, सबसे सुंदर और सबसे ऊँचा है। काले पत्थरों के ऊपर दूधिया सफ़ेद पानी को बहते हुए देखना आपको बहुत ही मनमोहक लगेगा।
यह जगह फोटोग्राफी के लिए आदर्श है और आप जी भरकर फोटुएं खींच सकते हैं। पास में ही कुछ छोटी छोटी दुकानें हैं। इनमें से कुछ तो स्मृति चिन्ह बेचती हैं और कुछ खान पान की दुकानें हैं। यदि आपको रोमांच पसंद है तो यहां ट्रैकिंग के कई रास्ते हैं जहाँ आप अपना शौक पूरा कर सकते हैं। कुल मिलाकर, एलीफैंट फाल्स प्रकृति की कलाकारी देखने और उसका आनंद लेने की एक सुंदर जगह है।
शिलांग पीक
शहर से दस किलोमीटर दूर यह जगह शिलांग की सबसे ऊँची जगह है। समुद्र से इसकी ऊंचाई करीब 6500 फीट है और यह सभी के लिए एक बहुत ही मनोरम पिकनिक स्थल है। यहां के लोगों का मानना है कि उनके देवता इस जगह पर निवास करते हैं और इस क्षेत्र को सभी बुराइयों और मुसीबतों से बचाते हैं। शिलांग को अपना नाम इसी जगह से मिला है। ।यहां से आप हिमालय की खूबसूरत पहाड़ियों, सुंदर झरनों और छोटे छोटे गांवों का बहुत ही प्यारा नज़ारा देख सकते हैं। यहां पर भारतीय वायु सेना का एक स्टेशन भी है जिसकी वजह से यहां आने जाने वालों की बहुत सख्त चेकिंग होती है। इस जगह को बहुत पवित्र माना जाता है। यदि आप यहाँ शाम के समय हैं तो कोशिश कीजिए कि आप सूर्यास्त देख पाएं क्योंकि यहाँ का सूर्यास्त बहुत ही आकर्षक है।
वार्डस लेक
यह एक कृत्रिम झील है जो शहर के बीचों बीच स्थित है। वार्डस झील का नाम एक ब्रिटिश कमिश्नर सर विलियम वार्ड के नाम पर रखा गया था जिन्होंने यह झील बनाने की योजना की शुरुआत की थी। यह झील साल 1894 में बनी थी। यह झील चारों तरफ से हरे भरे बाग और पेड़ों से घिरी हुई है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। घोड़े की नाल के अकार की इस झील में बोटिंग की भी सुविधा है। आप चरों और फैली हरियाली के बीच बोटिंग का आनद ले सकते हैं। यहां का बाघ इतना सुंदर है कि आप इसमें कुछ देर टहलने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। झील के अंदर मछलियां भी हैं जिन्हें आप दाना डाल सकते हैं।
वार्डस झील के बारे में एक कहानी और मशहूर है। कहा जाता है कि एक खासी क़ैदी को यहां लाया गया था। वह अपने रोज़मर्रा के कामों से ऊबने लगा था इसलिए उसने इस झील के आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने का काम ले लिया और उसीने इसका विकास किया। जो भी हो, वार्डस झील में आकर आप कुछ समय के लिए बाकी सब कुछ भूल जाएंगे और यहां की खूबसूरती में खो जाएंगे।
उमियम झील
यह एक बहुत बड़ा लेकिन सुरम्य जलाशय है। उमियम झील को बड़ा पानी के नाम से भी जाना जाता है। यह झील उत्तर पूर्व भारत की पहली जल विद्युत परियोजना के लिए बनाए गए बाँध का हिस्सा है। चारों और से खासी पहाड़ों से घिरी हुई यह झील बहुत ही मनोरम दृश्य पेश करती है। सबसे बड़ी बात है कि यह झील पानी के खेलों का केंद्र है। तो यदि आप जल क्रीड़ा में रूचि रखते हैं या थोड़ा रोमांच प्राप्त करना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए है। यहां आपको कयाकिंग, बोटिंग और वाटर साइकिलिंग जैसी गतिविधियां मिलेंगी। झील के बीच में छोटे छोटे टापू हैं जो इसकी सुंदरता को और निखारते हैं। यहां पर आप पैडल बोट, स्पीड बोट, सेलिंग बोट और क्रूज बोट आदि का मज़ा ले सकते हैं।
पुलिस बाजार
यह शिलांग का व्यावसायिक केंद्र है। शहर के बीचों बीच स्थित यह जगह हर तरह के व्यक्ति केलिए आकर्षण का केंद्र है। इस बाजार में आपस में जुडी हुई घुमावदार सड़कें आपको मिलेंगी। यहां आपको कुछ आश्चर्यजनक चीज़ें भी मिल सकती हैं। पुलिस बाजार में दो सरकारी और दो निजी हस्तशिल्प एम्पोरियम भी हैं। इनमें आपको स्थानीय हस्तशिल्प की वस्तुएं जैसे बांस और लकड़ी के सजावट के सामान, टोकरियाँ और ट्रे इत्यादि मिल सकते हैं। साथ ही असम सिल्क की साड़ियां, पर्स, बैग और आभूषण आदि भी यहाँ पर मिलते हैं। यदि आप फैशन पसंद हैं तो आपके लिए इन एम्पोरियम में बहुत कुछ है। सरकारी एम्पोरियम में मोल भाव नहीं होता लेकिन निजी एम्पोरियम में आप मोल भाव कर सकते हैं। शहर के सबसे अच्छे रेस्त्रां भी यहीं पर हैं। पुलिस बाजार में आप स्थानीय व्यंजनों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं जिनमें भाप निकलते गर्म मोमोज़ शामिल हैं।
इसके अलावा भी शिलांग में देखने के लिए बहुत सारी जगहें और चीज़ें हैं जिनके बारे में जगह कम होने की वजह से यहां लिखा नहीं जा सकता लेकिन यह तय है कि यहां आकर आप अपने जीवन का एक निराला आनंद पाएंगे।
शिलांग कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग – सबसे नज़दीक बड़ा हवाई अड्डा गुवाहाटी है जो 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप शेयर्ड टैक्सी करके शिलांग पहुँच सकते हैं। इसके आलावा यहाँ से रविवार को छोड़ कर बाकी दिन शिलांग के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है।
रेल मार्ग – सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी ही है जो 104 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से शिलांग पहुँचने के लिए मेघालय ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें उपलब्ध हैं। इसके आलावा आप यहाँ से प्राइवेट टैक्सी भी ले सकते हैं।
सड़क मार्ग – शिलांग सड़क मार्ग से बाकी देश से जुड़ा हुआ है और यहाँ पहुँचने के लिए अच्छी सड़कें हैं।
शिलांग में कहाँ रुकें
शिलांग में रुकने के लिए हर तरह के होटल उपलब्ध हैं। ज़्यादातर अच्छे होटल पुलिस बाजार में स्थित हैं। यहाँ पर आप अपनी जेब के हिसाब से अपनी पसंद का होटल चुन सकते हैं।
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