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- स्वामीत्व योजना: सरकार ने गांव की आवासीय संपत्ति का विवरण रखने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की
- ड्रोन के जरिए मैपिंग कर गांवों का सीमांकन किया जाएगा
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा गाँव के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और गाँवों में आवासीय संपत्ति के विवादों को समाप्त करने के लिए The स्वामीत्व योजना ’चलाई जा रही है। इसमें गाँव की हर संपत्ति (मैपिंग ऑफ प्रॉपर्टी) की मैपिंग के बाद गाँव के लोगों को उनका मालिकाना हक दिया जाएगा। इससे उन्हें लोन लेने में आसानी होगी। वर्तमान में, इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में यह योजना शुरू की गई है। बाद में इसे अन्य राज्यों से भी जोड़ा जाएगा।
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क्या योजना है?
खसरा-खतौनी में गाँव की खेती योग्य जमीन दर्ज होती है। लेकिन गांवों की आवासीय संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसी स्थिति में, प्रत्येक आवासीय संपत्ति के स्वामित्व को ‘स्वामित्व योजना’ के माध्यम से मापा जाएगा। इसके लिए गांवों में ड्रोन मैपिंग की जाएगी। इसमें पंचायती राज मंत्रालय, पंचायती राज और राज्यों के राजस्व विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया शामिल होंगे।
योजना कैसे चलेगी?
ड्रोन द्वारा गांव की सीमा के भीतर गिरने वाली प्रत्येक संपत्ति का एक डिजिटल नक्शा बनाया जाएगा। यह प्रत्येक राजस्व खंड की सीमाओं को भी निर्धारित करेगा। सटीक माप के आधार पर, राज्य सरकार द्वारा गांव के प्रत्येक घर की संपत्ति के लिए एक कार्ड बनाया जाएगा। इससे स्वामित्व प्राप्त करना आसान हो जाएगा। जिसके कारण बैंक को भी लोन मिलेगा।