
उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति एल। नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की खंडपीठ मंगलवार को न्यायाधिकरण सहित कई न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों को भरने की याचिका पर सुनवाई करेगी, जो उपभोक्ता विवादों से संबंधित मामलों पर फैसला करती है। पीठ ने नाराजगी जताई कि नियुक्ति न होने के कारण कई महत्वपूर्ण न्यायाधिकरणों में काम ठीक से नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एन। नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने देश के कई महत्वपूर्ण न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को भरने से संबंधित याचिका पर सुनवाई 15 सितंबर तक टाल दी। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (एजी केके वेणुगोपाल) की स्व-संगरोध के कारण शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख दी है।
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शीर्ष अदालत ने कहा कि पद खाली होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि न्यायाधिकरणों सहित कई महत्वपूर्ण न्यायाधिकरणों में पद खाली पड़े हैं, जो उपभोक्ता विवादों से संबंधित मामलों पर निर्णय लेते हैं। इसके कारण ये ट्रिब्यूनल ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। अब जस्टिस एन। नागेश्वर राव और हेमंत कुमार की पीठ इस मामले पर 15 सितंबर यानी अगले मंगलवार को सुनवाई करेगी। इससे पहले, एडीशन सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (एएसजी एसवी राजू) ने अदालत को बताया कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों की धीमी गति को लेकर केंद्र से नाराजगी जताई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (एसजी तुषार मेहता) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एजी केके वेणुगोपाल के एक सहयोगी के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट सकारात्मक रही है। इसलिए एहतियात बरतते हुए अटॉर्नी जनरल खुद होम क्वारंटाइन गए हैं। हालांकि, वह खुद पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इससे पहले, मामले की सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से देश के महत्वपूर्ण न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं करने पर नाराजगी जताई। अदालत ने विभिन्न आदिवासियों में प्रशासनिक, न्यायिक और विशेषज्ञ सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बारे में प्रक्रिया की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की।