फसल बीमा किसान के कई तरह के जोखिम को कवर करती है.
मौसम की अनिश्चिचता में फसल बीमा (Crop insurance) ही वह आधार है, जिसके बूते किसान (Farmers) नुकसान से उबर सकता है. बेहद कम प्रीमियम भरकर किसान भाई इसका फायदा (Advantage) उठा सकता है. इसकी प्रक्रिया भी काफी सरल है.
कृषि विभाग की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी की जाती है. उसके बाद कोई भी किसान इसमें अपना पंजीकरण करवा सकता है. फसल बीमा करवाने के लिए आधार कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो कॉपी के साथ ही जमीन की नवीनतम जमाबंदी जरूरी होती है. जो किसान बैंक से फसली ऋण लेते हैं, उनका बैंक अपने स्तर पर बीमा प्रीमियम काटकर बीमा कर देते हैं. लेकिन, इस बार से फसली बीमा को स्वैच्छिक किया गया है. जो किसान बीमा नहीं करवाना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए बैंक को लिखित में सूचना देनी होती है.
इन स्थितियों में मिलता है क्लेम
कृषि विभाग की ओर से अधिसूचित फसलें फसल बीमा के दायरे में शामिल होती हैं. बीमा करवाने पर कई तरह के जोखिम उसमें शामिल होते हैं जो विपरीत परिस्थितियों में किसानों के लिए सहारा साबित होते हैं. फसलों की बुवाई न कर पाने या असफल अंकुरण का जोखिम फसल बीमा में शामिल होता है. बीमित क्षेत्र में कम बारिश या प्रतिकूल मौसम से बुवाई और अंकुरण नहीं हो पाने पर किसानों को योजना के तहत सुरक्षा मिलती है.Rajasthan: 2.50 लाख किसानों को जल्द मिलेगा 750 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम, सीएम गहलोत ने प्रीमियम राशि पर लगाई मुहर
ये सभी जोखिम होते हैं बीमार में कवर
खड़ी फसल की बुवाई से कटाई तक सूखा, बाढ़, जलप्लावन, कीटों या रोगों का प्रभाव, भूस्खलन, प्राकृतिक कारणों से आग, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात जैसे रोके ना जा सकने वाले जोखिम भी इस योजना में शामिल हैं. वहीं फसल की कटाई के बाद जब उसे सुखाने के लिए रखा जाता है और इस दौरान भी यदि 14 दिन के अन्दर प्राकृतिक कारणों से उसमें नुकसान होता है तो यह नुकसान बीमा योजना के दायरे में आता है. इसके साथ ही अन्य आपदाएं जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन, जल भराव, बादल फटने या बिजली गिरने के कारण आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को भी इसमें शामिल किया गया है.
किसान भरते हैं नाम मात्र का प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को नाम मात्र का प्रीमियम भरना पड़ता है. शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार आधी-आधी वहन करती है. खरीफ फसल के लिए किसान को बीमित राशि का 2 प्रतिशत प्रीमियम भरना पड़ता है, जबकि रबी फसल के लिए उन्हें बीमित राशि का डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम चुकाना पड़ता है. इसी तरह वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए किसान को बीमित राशि का 5 प्रतिशत प्रीमियम भरना पड़ता है.
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42 लाख 31 हजार बीमित किसानों को मिला लाभ
प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से अब तक किसानों को 6 हजार 41 करोड़ के बीमा क्लेम का वितरण किया गया है. इस बीमा क्लेम वितरण से 42 लाख 31 हजार बीमित किसानों को लाभ मिला है. राज्य सरकार द्वारा समय पर अपने हिस्से की प्रीमियम राशि जमा नहीं करवाए जाने का मामला पिछले दिनों विधानसभा में जोर-शोर से उठा था. उसके बाद अब सक्रियता नजर आ रही है. अब 250 करोड़ का जो प्रीमियम जमा करवाया जाएगा वह पिछले साल का बकाया है.
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