बहादुरगढ़10 घंटे पहले
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- डिपो पर बन सकती है 11 मंजिल की इमारत, मेट्रो 30 साल के लिए लीज पर देगी, मेट्रो को आय व क्षेत्र के लोगों को मिलेगी सुविधा
- सबसे पहले बहादुरगढ़ के साथ मुंडका डिपो में तैयार होगा शॉपिंग सेंटर
शहर के बीच में स्थित मेट्रो यार्ड डिपो की बेशकीमती जमीन का मेट्रो भविष्य में बंपर व्यावसायिक लाभ लेने जा रही है। इसके लिए एक प्लांनिग तैयार की गई है। भविष्य में लोग बहादुरगढ़ मेट्रो यार्ड डिपो में भी शॉपिंग कर सकेंगे। इसके साथ-साथ हुडा विभाग की काफी जमीन खाली भी पड़ी है जहां मल्टीलेवल पार्किंग तैयार की जा सकती है जिसकी आने वाले समय में सबसे बड़ी जरूरत होगी। वहीं इससे मेट्रो को व्यवसाय का नया मार्ग भी मिलेगा व आसपास व मेट्रो यात्रियों को ज़रूरतों का सामान खरीदने के लिए बड़ा शॉपिंग सेंटर भी मिलेगा।
मेट्रो ने कवायद तेज कर दी है। दिल्ली मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन डीएमआरसी पहली बार मेट्रो डिपुओं पर बहुमंजिला इमारत बनाने जा रही है। इसके लिए मेट्रो ने सबसे पहले बहादुरगढ़ मुंडका लाइन को चुना है। इस ग्रीन लाइन मुंडका से बहादुरगढ़ पर पड़ने वाले मुंडका मेट्रो डिपो पर पहला सेंटर तैयार होगा। यह मेट्रो का पहला ऐसा डिपो होगा, जहां मेट्रो पार्किंग के अलावा व्यावसायिक गति विधि भी होगी। यहां दुकानें और ऑफिस खोले जा सकते हैं।
निविदा जारी करके निजी कंपनियों को किया हुआ है आमंत्रित
प्रयास है कि मेट्रो इसे पूरी तरह से निजी भागीदारी से बनाएगी। इससे मेट्रो को लाभ होगा। वैसे इसके लिए मेट्रो प्रबंधन की ओर से निविदा जारी करके निजी कंपनियों को आमंत्रित करने के काम काे तेज कर दिया है। मेट्रो डिपो पर अधिकतम 11 मंजिल की इमारत बन सकती है। मेट्रो इसे 30 साल के लिए लीज पर देगी। इसे बनाने वाली कंपनी के पास इसका 30 साल तक अधिकार होगा।
मेट्रो को उसके बदले किराया मिलेगा। यह संपत्ति 30 साल बाद दिल्ली मेट्रो की हो जाएगी। इसकी वजह से मेट्रो डिपो की सुरक्षा व्यावसायिक गतिविधि से प्रभावित न हो इसके लिए प्रवेश और निकास अलग बनाया जाएगा। बहादुरगढ़ के सेक्टर नौ में जहां शहर का नया बस अड्डा तैयार हो रहा है वहां तो पहले से ही मेट्रो डिपो को चारों तरफ से रास्ते मिले हुए है। इसी कारण इसे अगले चरण का केंद्र माना जा रहा है।
मुंडका व बहादुरगढ़ दोनों इस काम के लिए उपयुक्त सिद्ध होंगे : किसी भी डिपो पर तैयार होने वाली एक इमारत 11 मंजिल की बनती है, तो कंपनी को कुल 32696 वर्गमीटर जगह मिलेगी यानि हर मंजिल पर कंपनी को 2972 वर्गमीटर जगह मिलेगी। मेट्रो को उम्मीद है कि यह एक प्राइम लोकेशन हो सकता है, क्योंकि बहादुरगढ़ की सीमा यहां से मुंडका केवल छह किलोमीटर ही दूर है। यह ग्रीन लाइन टिकरी बाॅर्डर के साथ-साथ बहादुरगढ़ शहर को भी जोड़ता है। मेट्रो प्रबंधन को उम्मीद है बड़ी कंपनियां इस कनेक्टिविटी को देखते हुए आगे आएगी।
पहले चरण में मुंडका को मिला मौका : मेट्रो के दस डिपो में सबसे पहले मुंडका को मौका मिला है। मेट्रो डिपो की छत का प्रयोग मेट्रो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए होता है। यमुना बैंक, मुकुंदपुर जैसे डिपो पर मेट्रो प्रबंधन ने बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया है। मगर पहली बार मुंडका मेट्रो डिपो की छत पर बहुमंजिला इमारत बनाने जा रही है। उसके बाद बहादुरगढ़ का भी नंबर आने वाला है क्यों कि मेट्रो अपने दस के दस डिपो पर लोगों को यह सुविधा देने की तैयारी में है। भविष्य में बहादुरगढ़ से मेट्रो को सांपला तक भी लेकर जाना है। उसे देखते हुए इस तरह की प्लांनिग मेट्रो के साथ साथ बहादुरगढ़ शहर को भी नया लुट देने में कामयाब होगी।
मेट्रो को इस बहुमंजिला इमारत से राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। लॉकडाउन के चलते पहले ही मेट्रो का घाटा लगातार बढ़ रहा है। मेट्रो हर साल परिचालन से अलग गैर परिचालन संपत्ति विकास, किराया, विज्ञापन, व्यावसायिक स्पेस से 500 करोड़ रुपये से अधिक कमाती है। 2018-19 में मेट्रो ने गैर परिचालन से 594 करोड़ रुपये कमाए थे। उससे पहले 2017-18 में 536 करोड़ और 2016-17 में 529 करोड़ रुपये कमाये थे। हर साल इसमें इजाफा ही हुआ है।
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