मुजफ्फरपुरएक घंटा पहले
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- स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप, वैसे 41 के स्वस्थ होने के साथ जिले में अबतक ठीक होने वालों की संख्या भी हुई 660
अब तक के सर्वाधिक 95 पॉजिटिव मरीज मिलने पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया। वजह यह भी कि इनमें एक दर्जन डॉक्टर समेत नर्सिंग होम हॉस्पिटल के पारा मेडिकल स्टाफ और बैंककर्मी भी शामिल हैं। एसकेएमसी के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार की ओर से जारी रिपोर्ट के साथ ही जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1045 हो गई है।
प्राचार्य ने कहा कि शुक्रवार काे 510 सैंपल की जांच की गई। इनमें 100 लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। इन 100 में 95 मुजफ्फरपुर के व सहरसा के 5 शामिल हैं। इधर, सदर अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ. सीके दास ने बताया कि 41 इलाजरत मरीजों को स्वस्थ होने पर शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके साथ ही जिले में अब तक स्वस्थ हाेनेवाले मरीजाें की संख्या 660 हाे गई है।
44 संदिग्ध का लिया गया सैंपल, 124 की स्क्रीनिंग: एसकेएमसीएच के कई कर्मियों के संक्रमित हाेने के बाद अब उनके संपर्क में आए लोग अपना सैंपल जांच के लिए दे रहे हैं। शुक्रवार काे सुबह से शाम तक 44 संदिग्धाें के सैंपल लिए गए। प्रभारी अधीक्षक डाॅ. सुनील शाही ने अब तक कोरोना वायरस की जांच के लिए 1400 से अधिक संदिग्धाें का सैंपल लिए जाने की बात कही है। वहीं, लक्षण नहीं होने के कारण शुक्रवार को 124 लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
लॉकडाउन के मद्देनजर रेल पुलिस की छुटि्टयां रद्द: लॉकडाउन को लेकर मुजफ्फरपुर जंक्शन समेत अन्य स्टेशनों, रेलवे ट्रैकों और ट्रेनों में विधि-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर रेल पुलिस ने सभी प्रकार की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। रेल आईजी के निर्देश पर रेल एसपी अशोक कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर रेल जिला में छुट्टी रद्द करने संबंधी आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर छुट्टी रद्द की गई है।
लॉकडाउन को लेकर रेल पुलिस के अधिकारियों और कर्मियाें की छुट्टियां रद्द
राहत: 26 दिनाें में कोरोना को हराकर लौटे डॉ. एस. के. पांडे
कोविड केयर सेंटर में मरीजों का इलाज करते हुए काेराेना संक्रमित हुए डॉ. एसके पांडे स्वस्थ होकर अपने घर शुक्रवार को लौट गए। उन्हाेंने कोरोना वायरस से 26 दिनों तक जंग लड़ कर आखिरकार उसे मात दे दी। उनका इलाज पटना स्थित एम्स में चल रहा था। डॉ. एसके पांडे 25 जून को गंभीर हालत में मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित एक निजी हॉस्पिटल से रेफर होकर पटना एम्स की आईसीयू में भर्ती हुए थे।
उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वहां कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने डॉक्टरों की एक टीम गठित कर उनका प्लाज्मा विधि से इलाज किया। दो जुलाई को उन्हें आईसीयू से निकाल कर जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया, जहां 15 दिनों तक रहने के बाद वे स्वस्थ हुए। 17 जुलाई को एम्स से छुट्टी दे दी गई। शुक्रवार को मुजफ्फरपुर लौटने पर आईएम ने उन्हें बधाई दी।
ईवीएम का काम करने आए 16 कर्मी काेरोना पॉजिटिव, क्वारेंटाइन की मांग
उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से आई ईवीएम को फिर से इंस्टाॅल करने के लिए डीआरडीए सभागार में एफएलसी कार्यक्रम चला था। उस कार्य काे करनेवाले 16 कर्मचारी शुक्रवार काे अाई जांच रिपाेर्ट में काेराेना पॉजिटिव पाए गए है। ग्रुप के कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से आवेदन देते हुए डीएम से 14 दिनों के लिए होम क्वारेंटाइन में रहने की स्वीकृति देने का आग्रह किया है। आवेदन में डीआरडीए सभागार में 9 से 14 जुलाई तक एफएलसी कार्य करने की जानकारी दी गई है।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती, कोरोना टेस्ट निगेटिव
जफ्फरपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एनके चौधरी की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई। उनका इलाज अस्पताल के डॉक्टरों ने किया, लेकिन सुधार नहीं होने पर उन्हें कटही पुल स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार वे अपने चैंबर में बैठे थे, इसी दौरान सीने में दर्द हुआ। आनन-फानन में चिकित्सकों ने उनका प्रारंभिक इलाज किया. लेकिन सुधार न होने पर उन्हें हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसके पहले उन्होंने कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
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