सोनीपत3 घंटे पहले
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सोनीपत. आईटीआई के विद्यार्थियों को कंपनियो में ट्रेनिंग के लिए नहीं होगी परेशान।
- हर इंडस्ट्री क्लस्टर को तीन साल के लिए सरकार देगी एक करोड़ रुपए
- सैकड़ों युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए अच्छी पहल
सैकड़ों युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी पहल हुई है। अब किसी भी इंडस्ट्री में उन्हें ट्रेनिंग के लिए न तो आर्थिक तंगी की समस्या का समस्या का सामना करना पड़ेगा और ना ही सुरक्षा एवं तकनीक के लिए परेशान होना पड़ेगा। केन्द्र सरकार ने अब ऐसी व्यवस्था बना दी है। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, हरियाणा की ओर से स्ट्राइव प्रोजेक्ट के अंतर्गत इंडस्ट्री अप्रेंटिसशिप इनीशिएटिव नामक स्कीम के तहत हर इंडस्ट्री एसोसिएशन को एक करोड़ रुपए की वित्तीय मदद मिलेगी।
सोनीपत की 22 इंडस्ट्री को आईटीआई एवं जिला उद्योग केन्द्र की ओर से इस बाबत पत्र जारी कर दिया गया है। 550 इंडस्ट्री का पंजीकरण भी किया गया है। हालांकि इसका लाभ राज्य के बेरोजगार युवकों को 172 राजकीय तथा 246 प्राइवेट औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से मिलेगा।
योजना बेहद कारगर साबित होगी
जूनियर अप्रेंटिस एंड प्लेसमेंट अधिकारी कैप्टन संजय श्योराण ने बताया कि मौजूदा कोरोना दौर में यह योजना काफी प्रभावी साबित होगी, क्योंकि जहां कंपनियों को वित्तीय मदद की आवश्यकता है तो वहीं युवाओं को भी रोजगार के लिए स्किल एडवांस प्रशिक्षण की आवश्यकता है और इस योजना से दोनों को ही लाभ मिलेगा। सोनीपत में विभिन्न इंडस्ट्री में करीब 15सौ अप्रेंटिस की सीटें हैँ, जोकि आने वाले समय में और बढ़ेगी। सोनीपत के विभिन्न आईटीआई में पांच हजार से ज्यादा विद्यार्थी है।
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस एक करोड़ रुपए की सहायता के अतिरिक्त हर स्टूडेंट को इंडस्ट्री में काम देेने पर 15सौ रुपए भी दिए जाते हैं। यानि महज 6500 रुपए में इंडस्ट्री को एक कर्मी काम के लिए मिलेगा, उस पर यह राशि उनके सीएसआर में भी शामिल होगी।
यह है इस योजना का उद्देश्य : स्ट्राइव प्रोजेक्ट के अंतर्गत इंडस्ट्री अप्रेंटिसशिप इनीशिएटिव नामक स्कीम में सभी उद्योगों को कलेक्टर के माध्यम से अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के आधुनिकरण के बारे में जानकारी देना है जिससे उद्योगों में अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम को प्रभावी तौर पर लागू किया जा सके। इस स्कीम से उद्योगों की मांग अनुसार बेहतरीन गुणवत्ता वाले अप्रेंटिसशिप ट्रेनीज तैयार करने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार इंडस्ट्री को मिलेंगे एक करोड़ रुपए
इंडस्ट्री अप्रेंटिसशिप इनीशिएटिव स्कीम में रूचि दिखाने वाले योग्य इंडस्ट्रियल क्लस्टर (एसोसिएशन) को 25 जुलाई तक [email protected] पर अपना ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसमे क्लस्टर को अपना प्रोपोजल जमा करवाने होगा। इंडस्ट्रियल क्लस्टर में वे सभी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन शामिल हो सकती हैं जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो, ट्रस्ट या संगठन सेक्शन 8 कंपनी हो सकते हैं तथा इनको कानूनी रूप से त्रिपक्षीय एग्रीमेंट करने का अधिकार होना चाहिए।
यह एग्रीमेंट कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, राज्य सरकार और इंडस्ट्रियल कलस्टर के बीच में प्रोजेक्ट की अवधि तक रहेगा। कलस्टर में कम से कम 20 सदस्य इंटरप्राइजेज होने चाहिए जो इस ग्रांट को लागू करने से सहमत हों। जिनमें कम से कम 50% एम एस एम ई कैटेगरी के इंटरप्राइजेज होने अनिवार्य है। क्लस्टर में दो व्यवसायओं की कम से कम 40 अप्रेंटिसशिप की सीटे होना अनिवार्य है। चयनित होने पर प्रथम चरण में 40 प्रतिशत राशि दी जाएगी।
इंडस्ट्री अपने मुताबिक कोर्स डिजाइन कर सकती है
सरकार का स्ट्राइव प्रोजेक्ट एक नई पहल है। जिसका मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम आकार के उद्यमियों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की मांग अनुसार तैयार करना है। इंडस्ट्री खुद चाहे तो अपने मुताबिक कोर्स भी डिजाइन करवा सकती है। इसके लिए 22 इंडस्ट्री को अब तक आमंत्रित किया भी जा चुका है। जिले के सभी औद्योगिक संगठनों मिलकर अधिक से अधिक इंडस्ट्रियल क्लस्टर का आवेदन करवाने का प्रयास करेंगें। विक्रम सिंह, सहायक शिक्षुता सलाहकार व नोडल अधिकारी, सोनीपत।
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