पिंजौरएक दिन पहले
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शोरूम मालिकों द्वारा सड़क के किनारे अपना सामान रख दिया जाता है।
- शोरूम केे बाहर सड़क पर सामान रख रहे दुकानदार, स्थानीय लोग हो रहे परेशान, कई जगहों पर लंबे समय से किया जा रहा है अतिक्रमण
पिंजौर-कालका मेन रोड किनारे पुराने हाईवे नंबर 22 पर दिन प्रतिदिन वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिस कारण आए दिन रोड ट्रैफिक जाम व प्रभावित होने की समस्या भी साथ बनी हुई है। इसके समाधान के प्रति प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा। प्रशासन द्वारा इसके लिए रोड चौड़ी करना तो दूर उल्टे सड़क किनारे पीडब्ल्यूडी की जमीन पर सरेआम धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है। उसे भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
मेन रोड के दोनों ओर सरेआम सरकारी जमीन पर अतिक्रमण दिखाई देता है फिर भी इसे हटाया नहीं जाता। हैरानी की बात है कि प्रतिदिन इसी रोड से प्रशासन के अधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी भी निकलते हैं, फिर भी इस रोड पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। पिंजौर गार्डन के पास रोड किनारे लगी रेहड़ियों के पक्के कब्जे हो रखे हैं। डेढ़ वर्ष पूर्व इन्हें फॉरेस्ट विभाग द्वारा नोटिस देकर कब्जे खाली करने की चेतावनी दी गई थी। परंतु आज भी वहां पर कब्जे बरकरार है।
इसके बाद मेन बाजार में भी कई जगह पर दुकानों के बाहर अतिक्रमण किए हुए हैं। हालांकि 2008 में जिला प्रशासन द्वारा एक बड़ी मुहिम के तहत मेन रोड में मेन बाजार में सैकड़ों दुकानों के आगे से तोड़फोड़ करके अतिक्रमण खाली करवाया गया था। उसके आगे पिंजौर बस स्टैंड पर टी पॉइंट की तीनों सड़कों के किनारों पर दर्जनों रेहड़ी फड़ी वालों के पक्के करते हो रखे हैं। इससे टी पाॅइंट पर अक्सर ट्रैफिक प्रभावित होने की समस्या बनी रहती है। इससे आगे मेन रोड के दोनों किनारों पर रतपुर कॉलोनी से आगे बड़े बड़े शोरुम शुरू हो जाते हैं। वहां पर तो हालात इतने ज्यादा खराब है कि सड़क से करीब 4 फुट की दूरी पर ही शोरूम मालिकों द्वारा अपना सामान रख दिया जाता है।
शोरूम से बाहर करीब 30 से 40 फीट पीडब्ल्यूडी की जमीन पर सड़क के पास तक अतिक्रमण करके सामान रख दिया जाता है। शोरूम मालिक एक दूसरे के कंपटीशन में अपना सामान आगे से आगे बढ़ा कर रख देते हैं, कई जगह पर तो परमानेंट ही काफी ज्यादा मार्बल की प्लेट रखी हुई हैं।
एक तो पहले से ही रोड पर ट्रैफिक लोड ज्यादा और रोड की चौड़ाई कम होने से रोड पर ट्रैफिक प्रभावित रहता है। ऊपर से रोड किनारे अतिक्रमण होने के कारण कोई रोड के किनारे पर अपनी गाड़ी भी नहीं उतार सकता। सड़क किनारे रेहड़ियों के इस अतिक्रमण से परेशान कुछ दुकानदारों ने बताया कि अब तो इतनी ज्यादा रेहड़ी व ढाबे लगे हुए हैं कि उनके कारण हमारी दुकानें भी दिखाई नहीं देती और दुकानों में आने वाले ग्राहकों को गाड़ी खड़ी करने के लिए भी जगह नहीं मिलती इससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।
विभाग थोप रहे एक दूसरे पर जिम्मेदारी: पिंजौर कालका मेन रोड के दोनों किनारों पर सरकारी जमीन पीडब्ल्यूडी की है। विभाग इस ओर से बिल्कुल बेखबर नजर आ रहा है। विभाग के जेई परमजीत सिंह गिल से बात करने पर उन्होंने बताया कि रोड किनारे उनकी जमीन है परंतु इस पर से कब्जे खाली करवाने की जिम्मेवारी नगर निगम की है। यह क्षेत्र नगर निगम के अंतर्गत आता है। अगर निगम हमारे को पत्र लिखे तो हम एक जॉइंट मुहिम के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर सकते हैं। जिसमें हम अपने वाहन व कर्मियों को साथ लगा सकते हैं।
10 माह पूर्व निगम ने की थी कार्रवाई: इससे पहले करीब 10 माह पूर्व विगत 12 अगस्त 2019 को नगर निगम के ईओ जनरल सिंह ने खुद रोड किनारे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, परंतु उस समय भी कुछ ही रेहड़ियो को हटाया गया। जब शोरूमों के आगे अतिक्रमण खाली करवाने लगे तो वहां पर राजनीतिक दबाव के चलते केवल चेतावनी देकर ही छोड़ दिया। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
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