हसनपुरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
- एक के बाद एक आफत ने सिरसिया के लोगों को आर्थिक रूप से किया कमजोर
करेह नदी की पेटी में बसे सिरसिया गांव में व्याप्त बाढ़ की विभीषिका के दौरान एक के बाद एक आफत ने आमलोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करके रख दिया है। नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद घरों से बाढ़ के पानी निकलने के साथ ही दलदली के कारण इसके ध्वस्त होने का सिलसिला जारी है। बाढ़ के दौरान अब तक 60 से अधिक घर ध्वस्त हो चुके हैं। इस कारण ये परिवार बेघर होकर खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने को विवश हैं। दलदली के कारण मुख्य तौर पर कच्चे मकान ध्वस्त हो रहे हैं। जिन लोगों का आशियाना उजड़ गया है, उनमें अधिकतर बारिश व धूप में खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं तो कुछ झुग्गी झोपड़ी व तंबू बनाकर रह रहे हैं। दर्जनों ऐसे भी परिवार हैं जो बाढ़ के दौरान अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं, वे घर से बाढ़ के पानी निकलने के बाद भी वापस नहीं लौट रहे हैं। उनके मन में घर के ध्वस्त होने का भय सता रहा है। दाे महीने से झेल रहे हैं परेशानी | सिरसिया बांध व रहमानी मस्जिद परिसर से बाढ़ पीड़ित परिवारों का डेरा अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। बताया जाता है कि करेह नदी की पेटी में बसे होने के कारण सिरसिया गांव पिछले दो महीने से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की विभीषिका के प्रारंभिक दौर से लेकर एक सप्ताह पहले तक बाढ़ पीड़ितों के सामने भोजन व पेयजल की समस्या उत्पन्न थी। साथ ही मवेशियों के सामने पशु चारा की समस्या उत्पन्न थी। लेकिन प्रशासनिक तौर पर बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ अनुग्रह राहत राशि प्रदान करने के साथ ही बाढ़ के पानी के स्तर कम होने पर जब थोड़ी राहत मिली तो घरों के ध्वस्त होने की एक नई समस्या सामने आ गई है। सिरसिया के ही बाढ़ पीड़ितों में शाहिद अली उर्फ डब्लू, मतीन अहमद, मो. अनवर आदि ने बताया कि गन्ना व धान की खेती से उनलोगों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
दो दिनों से बाढ़ का पानी स्थिर, 24 घंटे में 4 सेंटी मीटर की आई गिरावट
प्रखंड क्षेत्र में लगातार दो दिन से बाढ़ की पानी स्थिर रहने के बाद शनिवार से पानी घटने की प्रवृति शुरू हो चुकी है। पानी में गिरावट होने के कारण क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति धीरे – धीरे सामान्य हो रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार विगत 24 घंटा में बाढ़ की पानी में करीब 4 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। इसके बावजूद प्रखंड क्षेत्र बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है। वही प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली कमला, व जीवछ नदी की पानी में भी घटने की प्रवृति शनिवार से शुरू हो चुकी है। इन दोनों नदी के जल स्तर में गिरावट होते ही क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति सामान्य होती जा रही है। वही क्षेत्र विगत 39 दिनों से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। 39 वें दिन भी प्रखंड के निचले इलाके बंगठैया, कंजारा, पतैल, कविलासी, मुसहरनियां, वलाट, थरघट्टा, पीपड़ा पोखर, यादव टोला, धनहो, पैनपीवी, भरहर, बलुआहा, भीरार, बनहरवा, आदि दलित बस्ती की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ की पानी में गांव तक जाने वाली सड़क डूबा हुआ है। घरों में पानी घुसा हुआ है। इन बस्ती के लोग को 39 वें दिन भी सड़क, बांध, व गांव के ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूरी बना हुआ है। बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच जूझ रहे पीड़ितों की हालत दयनीय बनी हुई है। बाढ़ की त्रासदी के बीच कड़ी धूप व मुसलाधार बारिश बाढ़ पीड़ित के लिए मुसीबत बनीं हुई है। लोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं।
0