सौगत और तथागत राय.
West Bengal Assembly Elections: बंगाल में अब हालात बदल गए हैं. तथागत रॉय के जमाने में बीजेपी खुद की ज़मीन तलाश रही थी. लेकिन अब पार्टी ने मजबूती से पैर जमा लिए हैं. रॉय के समय पार्टी को सिर्फ 5 फीसदी लोगों का समर्थन था.
- News18Hindi
- Last Updated:
August 24, 2020, 11:10 AM IST
कोलकाता. मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय (Tathagata Roy) एक बार फिर से पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं. बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके रॉय ने कहा है कि वो पार्टी के तरफ से दी गई किसी भी जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं. ऐसे में हर किसी की निगाहें अब बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव पर टिकी हैं. रॉय उत्तर पूर्व में तीन राज्यों के राज्यपाल रहे चुके हैं. इसके अलावा रॉय 2002 – 2006 से बीजेपी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष और 2002 से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर काम कर चुके हैं. सवाल उठता है कि क्या रॉय को इस बार मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाएगा?
बंगाल में बदलती राजनीतिक तस्वीर
बंगाल में अब हालात बदल गए हैं. तथागत रॉय के जमाने में बीजेपी खुद की ज़मीन तलाश रही थी. लेकिन अब पार्टी ने मजबूती से पैर जमा लिए हैं. रॉय के समय पार्टी को सिर्फ 5 फीसदी लोगों का समर्थन था. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी को ये कामयाबी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में मिली. कहा जा रहा है तथागत रॉय की वापसी से बीजेपी में खींचतान मच सकती है. दरअसल पहले से ही दिलीप घोष और मुकुल रॉय के बीच सब कुछ ठीक नही चल रहा है. इसके अलावा राहुल सिन्हा, बाबुल सुप्रियो, लॉकेट चटर्जी, अर्जुन सिंह और स्वप्न दासगुप्ता जैसे अलग-अलग नाम को लेकर भी पार्टी में चर्चा है.दिलीप घोष Vs तथागत रॉय
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहले से ही तथागत रॉय और दिलीप घोष के बीच टीका टिप्पणी देखी जा चुकी है. पिछले दिनों उन्होंने इशारों-इशारों में कहा था कि गाय के गोबर और गोमूत्र को कोविड-19 वायरस के संभावित इलाज के तौर प्रचारित करना बंद किया जाना चाहिए. दरअसल दिलीप घोष ने कहा था कि हमारे देश की गायों के दूध में सोना होता है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि गाय के गोबर से कोरोना का इलाज किया जा सकता है.
Spoke to Dilip Ghosh,Kailash Vijayvargiya,Subrata Chatterjee & Shiv Prakash today. Told them of arriving tomorrow at 4 pm,will be seeing them in 3/4 days to rejoin BJP. They all welcomed me but warned me of the Covid situation in Kolkata and asked me to take care. I am grateful.
— Tathagata Roy (@tathagata2) August 22, 2020
किसी भी ज़िम्मेदारी के लिए तैयार
कहा जा रहा है कि रॉय के संगठन में आने के बाद पार्टी में खींचतान मच सकती है. लेकिन रॉय इस बात से असहमत हैं. उन्होंने कहा, ‘एक बार जब मैं पार्टी में शामिल हो जाता हूं, तो मैं किसी भी भूमिका को निभाने के लिए तैयार हूं जो पार्टी मुझे सौंपती है. मैं अपनी पार्टी की इच्छाओं को पूरा करने के लिए राज्यपाल बना. मैं बंगाल में आ सकता हूं. या फिर राज्य के बाहर भी जा सकता हूं. लेकिन मैं मुख्य रूप से बंगाल में ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.’
तथागत का करियर
चुनाव के मैदान में तथागत रॉय ने कोई खास कामयाबी हासिल नहीं की है. साल 2009 में उन्हें नॉर्थ कोलकाता और फिर 2014 में साउथ कोलकाता से लोकससभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्हें 2015 में त्रिपुरा का राज्यपाल बना दिया गया. तथागत रॉय ने प्रतिष्ठित बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज, शिबपुर (अब IIEST) से सिविल इंजीनियर के रूप में डिग्री ली. इसके बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली. वो जादवपुर विश्वविद्यालय में कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग विभाग के संस्थापक थे, जिसके पहले उन्होंने मेट्रो रेलवे, कोलकाता के साथ महाप्रबंधक, RITES, भारतीय रेलवे और मुख्य अभियंता, डिजाइन के रूप में काम किया.