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- 38 Patients Were Found In Patna City, 14 In Bihta And 5 In A Village In Punpun, Phulwari’s BDO Infected
पटना8 घंटे पहले
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- पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड और हेल्थ मैनेजर की दूसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव
- आईजीआईएमएस का एक स्टाफ, पीएमसीएच का एक टेक्नीशियन व एक मेडिकल छात्र संक्रमित
पटना जिले में शुक्रवार को 322 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। जिले में अबतक कोरोना संक्रमितों की संख्या 3216 हो गई है। पीएमसीएच के एक मेडिकल छात्र, एक टेक्नीशियन समेत छह लोग संक्रमित मिले हैं। एक डॉक्टर परिवार के चार सदस्य संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड और एक महिला हेल्थ मैनेजर की रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आई है। एक मृत संदिग्ध महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। आईजीआईएमएस में नौ मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटव आई है। इसमें संस्थान का एक कर्मचारी और एक बीएमपी-1 की 28 साल महिला है। महिला नेफ्रोलॉजी विभाग में भर्ती है।
पटना सिटी में 38 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इनमें 16 एनएमसीएच के हेल्थ वर्कर और उनके परिजन हैं। इसके अलावा मलिया महादेव इलाके में 1, दीवान मोहल्ला में 1, बेगमपुर में 1, खाजेकलां में 2, अशोकचक्र गली में 3, मच्छरहट्टा में 1, बाइपास में 1, नून का चौराहा में 1, पटना सिटी में 1, नगला मेन रोड सिमली में 2, मुसल्लहपुर हाट में 1, बहादुरपुर में 1, आईडीएच क्वार्टर में 2, पूर्वी नंदगोला में 1, नयागांव आलमगंज में 3 मरीज मिले हैं। फुलवारीशरीफ के बीडीओ भी काेराेना संक्रमित हाे गए हैं। वे घर से ही प्रशासकीय काम कर रहे हैं। सबलपुर के पास गंगा पर बन रहे सिक्स लेन पुल की निर्माण कंपनी के दो अभियंता कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं।
फुलवारीशरीफ स्थित ईएसआईसी अस्पताल के दाे डाॅक्टर, दाे स्टाफ और एक नर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव
फुलवारीशरीफ स्थित ईएसआईसी अस्पताल के दाे डाॅक्टर, दाे स्टाफ और एक नर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पताल के अधीक्षक डाॅ. अरुण शर्मा ने बताया कि सेनेटाइजेशन के लिए शनिवार और रविवार काे ओपीडी बंद कर दिया गया है, पर इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी। 20 जुलाई से ओपीडी काम करने लगेगा। पुनपुन प्रखंड के एक गांव के पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अमीरचंद प्रसाद ने बताया कि पटना में रहने वाला गांव का 102 एंबुलेंस का चालक संक्रमित होने पर वहां से भागकर यहां आ गया था।
पालीगंज के महाबलीपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक का एक क्लर्क काेराेना संक्रमित हाे गया है। सेनेटाइज करने के लिए बैंक काे शनिवार और रविवार काे बंद कर दिया गया है। अथमलगोला अंचल कार्यालय का एक कर्मी भी पॉजिटिव आया है। बिहटा में एक किराना काराेबारी के दाह संस्कार में शामिल हाेने वाले की चेन बढ़ती जा रही है। शुक्रवार काे 14 और पाॅजिटिव आ गए। कुल मिलाकर इस चेन से अबतक 43 मरीज हाे चुके हैं।
एम्स में शुक्रवार को एक कोरोना संक्रमित रिटायर्ड आईएएस भर्ती हुए। इसके अलावा एम्स के एक डॉक्टर, 3 फिजियोथेरेपिस्ट, नर्स समेत प्रशासनिक भवन में काम करने वाले 20 स्टाफ संक्रमित हो गए। इस वजह से शनिवार और रविवार को एम्स का प्रशासनिक भवन बंद रहेगा। इन दो दिनों में भवन को सेनेटाइज किया जाएगा। एम्स में बगहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर समेत कुल 55 नए मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें पटना के 40 मरीज हैं।
सुखद : 74 मरीज ठीक होकर घर लौटे
एनएमसीएच से शुक्रवार काे स्वस्थ हुए 48 काेराेना मरीजों को छुट्टी दे दी गई। अबतक स्वस्थ हुए 731 मरीजों को यहां से डिस्चार्ज किया जा चुका है। अभी अस्पताल में 221 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। शुक्रवार को 50 संदिग्ध अाैर 32 पॉजिटिव मरीज भर्ती किए गए। एम्स से 26 मरीजों को शुक्रवार को डिस्चार्ज किया गया। उनमें पटना के 19, दरभंगा के 3, रोहतास, सीवान, जहानाबाद व प.चंपारण के एक-एक हैं। नोडल अफसर डा संजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल 284 मरीजों का इलाज एम्स में चल रहा है।
दुखद : एम्स में तीन मरीजों की मौत
एम्स में तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। उनमें फुलवारीशरीफ की 11 साल की एक बच्ची अलीना खातुन, कटिहार के 64 साल के कंतलाल यादव और बेगूसराय के 73 साल के अरुण कुमार मिश्रा शामिल हैं। एनएमसीएच में दो कोरोना संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि पटना सिटी के बेगमपुर के रहने वाले 67 वर्षीय सरदार दया सिंह को 15 जुलाई को भर्ती कराया गया था। उनकी मौत गुरुवार की देर रात हुई। वह हृदय रोग से भी ग्रसित थे। वहीं बोरिंग रोड के 50 वर्षीय हरि नारायण राउत को 16 जुलाई को भर्ती कराया गया था। उनकी मौत शुक्रवार को हुई। वह भी हृदय रोग से ग्रसित थे। इन दोनों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
महिला की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा
जहानाबाद की 65 साल की दुलारी देवी पीएमसीएच के ट्रीटमेंट वार्ड में भर्ती हुई थीं। शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनके बेटे और परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। शव को अधीक्षक कार्यालय में सोफे पर रख दिया। खुद को चिकित्सक बताने वाले महिला के बेटे का आरोप था कि समय पर कोरोना की जांच रिपोर्ट नहीं मिली। यदि समय पर रिपोर्ट मिली होती तो मां को बचाया जा सकता था।
अधीक्षक उस वक्त कार्यालय में नहीं थे। सूचना मिलने पर वे पहुंचे और महिला के बेटे को समझाया। शव को अधीक्षक कार्यालय से बाहर निकाला गया और महिला के बेटे को सौंप दिया गया। अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने कहा कि दुलारी देवी मधुमेह, बीपी और किडनी की बीमारी से पीड़ित थीं। इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। गंभीर हालत में वह भर्ती ही हुई थीं।
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