बलौदाबाजार4 घंटे पहले
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- भास्कर ने रविवार को प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर
- इसके बाद ठगी के शिकार रिपोर्ट कराने पहुंचने लगे थाने
- देर रात तक कार्रवाई जारी थी लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं
पुलिस विभाग एवं पर्यवेक्षक भर्ती के नाम पर महिला बाल विकास विभाग की पूर्व पदस्थ पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा पर 15 से 20 करोड़ रुपए ठगी के मामले ने मंगलवार को उस समय नया मोड़ ले लिया जब ठगी के शिकार दर्जनभर से अधिक लोग परिवार सहित थाने में बैंक पर्ची तथा लेनदेन के आडियो क्लिप लेकर पहुंच गए। देर रात तक यह सिलसिला जारी था। उल्लेखनीय है कि भास्कर में लगातार दो दिन प्रकाशित ठगी के मामले के बाद इस पूरे रैकेट में शामिल आरोपियों के बीच मची अफरा तफरी मच गई है। थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले कुछ प्रार्थियों के खातों में धड़ाधड़ पैसे डाले भी जा रहे हैं ताकि मामले को कुछ हद तक शांत किया जा सके मगर कुछ प्रार्थियों के खाते में पैसे आने की खबर सुनकर ठगी के शिकार अन्य लोग भी शिकायत दर्ज कराने कोतवाली पहुंच रहे हैं। डेढ़ वर्ष पूर्व बलौदाबाजार से सुकमा जिले में ट्रांसफर होने के बाद चार्ज नहीं लेने के कारण महिला बाल विकास विभाग बलौदाबाजार में पर्यवेक्षक के पद पर पदस्थ मेवा चोपड़ा निलंबित थी। नौकरी के नाम पर झांसा देने वाली यह महिला अधिकारी ठगी के शिकार लोगों को यह बताती है कि उसने नौकरी छोड़ दी है तथा मंत्रालय में पदस्थ होने वाली है।
192 लोगों की नियुक्ति की फर्जी सूची भी जारी
आरोपियों ने मंत्रालय के महिला बाल विकास विभाग के लेटरहैड पर 192 लोगों की प्रदेश के जशपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद कवर्धा, दुर्ग, बिलासपुर, गरियाबंद, कांकेर, कोरबा, रायगढ़, धमतरी, मुंगेली, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा सहित कई शहरों में पदस्थापना की फर्जी सूची भी जारी करवा दी थी। इस सूची में 192 लोगांे के नाम हैं जिनसे इन्होंने 3 से 5 लाख रुपए नियुक्ति के नाम पर लिए थे। आरोपी महिला ने डिजिटल आंगनबाड़ी तथा संपूर्ण पोषक आहार जैसे कई ठेके देने के नाम पर 4 से 5 लाख रुपए लिए हैं।
प्रार्थी राकेश वर्मा ने 14 लाख रुपए दिए थे
शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे मुढ़ीपार निवासी राकेश वर्मा ने बताया कि अप्रैल 2018 में संपूर्ण पोषक आहार के टेंडर हेतु साढ़े 8 लाख रुपए तथा नवंबर 2018 में ही पर्यवेक्षक पद नौकरी हेतु लगाने हेतु साढ़े 5 लाख रुपए दिए थे। प्रार्थी ने 7 लाख रुपए साहूकार व 3 लाख रिश्तेदारों से उधार लिए तथा 4 लाख रुपए का धान बेचकर मेवा चोपड़ा को कुल 14 लाख रुपए दिए थे। ठगी के इस रैकेट में शामिल खुद को मंत्रालय में पदस्थ आईएएस अधिकारी अशोक पांडेय बताने वाले व्यक्ति ने राकेश को 30 जुलाई व 4 अगस्त 2020 के बीच के 5-5 लाख रुपए के दो चेक दिए थे। जब वे यह चेक भुनाने गए तो बैंक अधिकारी ने बताया कि यह नाॅट नेगोशिएबल अर्थात लेनदेन के लायक नहीं है।
आरोपी ने केस वापस लेने थाने में ही प्रार्थी को किया फोन
थाने में प्रार्थी राकेश वर्मा जब शिकायत दर्ज करा रहे थे, उसी समय उसके मोबाइल पर आरोपी अशोक पांडेय बार-बार फोन कर उसे शिकायत वापस लेने कह रहा था। उसके खाते में सवा 11 बजे 1 लाख रुपए डाले जाने की जानकारी भी उसे दी। तब प्रार्थी ने कहा कि पहले पूरे पैसे जमा कराओ तब शिकायत वापस लूंगा।
थाने से लाइव… मकान गिरवी रखा तो किसी ने बेचा खेत और किसी ने ब्याज पर लिए पैसे
थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची डमरू की नंदनी साहू ने बताया कि मेवा चोपड़ा के कहने पर परसराम सिंग व दलवीर के खाते में 40-40 हजार रुपए डलवाने के साथ ही 70 हजार नगद दिए गए। उसने मेवा चोपड़ा को 23 मार्च 2018 को 2 लाख रुपए नगद भी दिए थे।
रसेड़ी निवासी जानकी बंजारे ने बताया कि 4 लाख रुपए अपना घर गिरवी रखकर दिए। अलग-अलग लोगों से 5 से 10 प्रतिशत ब्याज पर लोगों से पैसे उठाकर दिए।
सोनाडीह निवासी पुष्पा साहू ने स्वयं तथा अपनी बेटी नेहा साहू दोनों के लिए कुल 6 लाख रुपए मेवा चोपड़ा को दिए थे। दो साल पहले ढाई लाख रुपए साहूकार से उधार लिए तथा डेढ़ लाख के गहने बेचे। और तो और नौकरी पाने की आस में एक लाख रुपए में खेत तक गिरवी रख दिया। नौकरी तो लगी नहीं लेकिन उधार लिए पैसे का ब्याज बढ़ता गया व गिरवी रखा खेत भी बिक गया। इसके अलावा ललिता डहरिया भाठागांव ने साढ़े 3 लाख, 90 हजार, मेनका साहू रसेड़ी 2 लाख 20 हजार दिए हैं।
प्रभा मिरी ने आरोपी पूर्व महिला बाल विकास अधिकारी की दबंगई का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमें ठगी का एहसास हुआ और हमने पैसे मांगने शुरू हुए तो हमें आरोपी महिला कह देती थी कि मैंने सभी अधिकारियों और नेताओं का कमीशन बांध लिया है तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, जहां शिकायत करनी है कर लो उल्टे तुम्हें ही अंदर करवा दूंगी, सड़ते रहना जेल में।
मंजू मंडावी ने कहा कि 3 लाख, 10 हजार रुपए दिए थे जिसमें 1 लाख 70 हजार रुपए ब्याज लेकर तथा 1 लाख में खेत गिरवी रखा था। इसी तरह 40 हजार रुपए के गहने गिरवी रखे थे।
जिलाध्यक्ष एसपी से मिले, सिंहदेव से भी शिकायत
धोखाधड़ी का प्रदेशस्तरीय मामला होने तथा इसमें 4-5 भाजपा नेताओं की संलिप्तता सामने आने के बाद कांग्रेस भी आक्रमक मुद्रा में सामने आ गई है। मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर के नेतृत्व में एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को ज्ञापन देकर ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने की मांग की तथा ठगी की शिकायत के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर भी सवाल खड़े किए। प्रार्थियों के शिकायत करते समय वे थाने में ही मौजूद थे तथा थाना प्रभारी से उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी के इस पूरे मामले की जानकारी प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव को दे दी गई है।
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