ट्रंप ने कहा- भारत और चीन के लोगों से प्यार करता हूं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा है कि उन्हें भारत (India) और चीन के लोगों से बेहद प्यार है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेट्री केली मैकेननी (Press Secretary Kayleigh McEnany) ने गुरूवार को बताया कि ट्रंप भारत-चीन के बीच शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार हैं.
भारत-चीन सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद ट्रंप प्रशासन ने खुलकर भारत का सपोर्ट किया था. अमेरिकी रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में अमेरिकी सेना भारत का साथ देगी. मैकेननी ने बताया कि ट्रंप ने कहा- मैं भारत के लोगों से प्यार करता हूं, मैं चीन के लोगों से भी प्यार करता हूं और वह हर प्रयास करने के लिए तैयार हूं जिससे दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हो सके. गुरूवार को ही व्हाइट हाउस के सलाहकार लैरी कुडलो ने भारत को अमेरिका का सबसे विश्वसनीय सहयोगी करार दिया था. उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप अच्छे दोस्त हैं जिसका दोनों ही देशों के रिश्तों को काफी लाभ हो रहा है.
पोम्पियो ने भी की भारत की तारीफ
बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी भारत को बेहद अच्छा सहयोगी देश बताया था और चीन की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका का बड़ा साझेदार है और उसके बिना विश्व में शांति की कल्पना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर टकराव समेत कई मुद्दों पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी अक्सर बातचीत होती रहती है. पोम्पिओ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भारत एक बड़ा साझेदार है. वे हमारे महत्वपूर्ण सहयोगी हैं. मेरे समकक्ष विदेश मंत्री के साथ मेरा बड़ा अच्छा संबंध है. विभिन्न मुद्दों पर हमारी अक्सर बातचीत होती है. चीन के साथ लगती सीमा पर टकराव के संबंध में भी हमारे बीच चर्चा हुई. चीनी दूरसंचार ढांचे से वहां पैदा होने वाले खतरे को लेकर भी हमारी बातचीत हुई.’ये भी पढ़ें :- जानिए क्या है ‘चैलेंज ट्रायल’, जिसकी पुरज़ोर वकालत कर रहे हैं नोबेल विजेता
चीन का रुख आक्रामक
उधर ‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ पारित किये जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिये बुधवार को अमेरिका के राजदूत टेरी ब्रैनस्टैड को तलब किया. चीन के नये विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के जवाब में अमेरिका ने पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग के तरजीही दर्जे को समाप्त करने के लिए ‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ पारित किया है. सरकार संचालित समाचार पत्र पीपुल्स डेली की खबर के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय ने हांगकांग अधिनियम को लेकर अपने विरोध से अवगत कराने के लिये अमेरिकी राजदूत को तलब किया.
उप विदेश मंत्री झेंग जेंगुआंग ने ब्रैनस्टैड से कहा कि इस कार्य ने चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है और अंतरराष्ट्रीय नियम कानून का गंभीर उल्लंघन किया है. उन्होंने अमेरिकी राजदूत से कहा कि चीन अपने हितों की हिफाजत के लिये अमेरिकी कंपनियों और व्यक्तियों पर पाबंदी लगाने सहित अन्य कदम उठाएगा. इससे पहले, चीन ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी थी कि हांगकांग के तरजीही दर्जे को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगर ‘हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम’ को लागू करते हैं तो निश्चित रूप से प्रतिबंधों के साथ जवाब दिया जाएगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को हांगकांग स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर कर दिए और अमेरिका द्वारा उसे मिलने वाली तरजीह को भी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करके समाप्त कर दिया. चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका को चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है.
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