बेमेतरा19 मिनट पहले
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- जून से जुलाई तक लो वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्या थी, ज्यादा बारिश होने से मिली राहत
अंचल में एक सप्ताह से मानसून सक्रिय रहने से बारिश का दौर जारी है। रविवार को एक घंटे तक लगातार तेज वर्षा होने से खेत खलिहान लबालब हो गए हैं। जिले में इस मानसून अब तक 751.8 मिमी औसतन बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश से सबसे ज्यादा राहत बिजली को लेकर है। क्योंकि बीते जून माह से लेकर जुलाई तक जिले में बारिश नहीं हो रही थी तो बिजली ट्रिपिंग व लो वाेल्टेज की समस्या थी। ऐसे में बिजली कंपनी के प्रति आमजन व किसानों में आक्रोश था।
अब बारिश होने के बाद बिजली की समस्या नहीं हो रहीं। लगातार बारिश होने से बिजली की खपत घट गई है। कृषि कार्य में तेजी आई है। बारिश नहीं होने से बिजली कंपनी का दावा था कि किसानों द्वारा अवैध रूप से कनेक्शन लेकर बिजली चोरी की जा रही थी। ऐसे में लोड बढ़ गया व ट्रिपिंग, लो-वोल्टेज की समस्या आने लगी। अब बारिश ज्यादा होने से किसान ट्यूबवेल का उपयोग नहीं कर रहे। ऐसे में बिजली की समस्या नहीं हो रही।
बिजली की समस्या के कारण किसानों में था गुस्सा
इस सीजन में अंचल में काफी देर से लगातार बारिश का क्रम प्रारंभ हो पाया है।सावन महीने में बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई थी। बिजली की खपत अत्यधिक हो जाने से लो वोल्टेज के साथ ही लोड शेडिंग के कारण अनियमित बिजली सप्लाई हो रही थी, जिससे किसानों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा था। लेकिन चार-पांच दिनों से अंचल समेत पूरे जिले में मानसून के सक्रिय होते ही बारिश हो रही है। वहीं धान के खेत में जलभराव की स्थिति भी अब भी बनी हुई है। फिलहाल बारिश होने के चलते किसानों द्वारा सिंचाई के लिए चलाए जा रहे पावर पंप पूरी तरह से बंद हो गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू बिजली की खपत के लिए पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। बारिश के बाद समस्या दूर होने से लोगों को राहत मिली है।
सावन में बारिश कम होने से धान की बढ़त में कमी आई
बेमेतरा जिला कृषि प्रधान जिला है। इस साल विलंब से वर्षा होने के कारण बियासी का काम पूरी तरह से पिछड़ गया। हालांकि किसानों ने कृषि विभाग के संरक्षण में कतार बोनी के अलावा रोपा लगा रहे हैं। इससे बियासी की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन आज भी पुरानी पद्धति से खेती-किसानी करने वाले छोटे किसानों को समय पर बारिश नहीं होने के कारण बियासी से वंचित होना पड़ा है। ग्राम बेरा के प्रगतिशील किसान प्रहलाद सिंह वर्मा ने बताया है कि सावन माह में बारिश काफी कमजोर रहा। इसके चलते धान की बढ़त में कमी आ गई। अब भादो मास में बारिश होने से किसानी कार्य में तेजी आने के साथ ही खाद के छिड़काव से धान फसल में बढ़त होने लगी है। इसी तरह अाने वाले महीने में अच्छी बारिश की आवश्यकता होगी। इसके बाद फिर धान फसल को पकने में सहायक हो जाएगा।
धान के अलावा अन्य फसलों को भी फायदा
धान के अलावा मूंग, उड़द, मूंगफली व नकदी सोयाबीन की फसल को इस बारिश से फायदा होगा। तीजा त्यौहार के बाद गणेश चतुर्थी के चलते दो दिन तक लगातार खेती किसानी का काम बंद था। सोमवार से एक बार फिर किसान बारिश से उत्साहित होकर खेती किसानी में निंदाई का काम प्रारंभ करेंगे ताकि आने वाले 15 दिन बाद तेज वर्षा का लाभ धान के फसल को मिल सके। जिले में धान फसल का रकबा 25% से भी ज्यादा क्षेत्र में बढ़ा है। सोयाबीन फसल का रकबा घटा है व राहर का रकबा 2 गुना ज्यादा है।
रविवार सुबह बारिश के बाद दिनभर मौसम रहा शुष्क
रविवार को एक घंटे लगातार बारिश के बाद दिन भर आसमान से बदली छंटते ही धूप निकल आई। चार दिनों तक हुए बारिश से लोगों को राहत मिली। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में अधिक बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्र में अधिक बारिश होने के बाद बेमेतरा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहने वाली प्रमुख नदी फोक, सकरी व हाफ का जलस्तर बढ़ गया है। सकरी नहर से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम चंदनु तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाता है।
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