![जान लें नाक छिदवाने के फायदे और नुकसान, ऐसे करें देखभाल जान लें नाक छिदवाने के फायदे और नुकसान, ऐसे करें देखभाल](;https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2020/08/nose.jpg?impolicy=website&width=459&height=306)
नाक पर विशेष जगह छेद करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में राहत मिलती है.
नाक छिदवाने (piercing of nose) से सेहत को कई फायदे होते हैं. कई वैज्ञानिकों ने इसे बीमारियों को ठीक करने की वैकल्पिक प्रक्रिया माना है.
नाक छिदवाना यूं तो भारत में परंपरा है, लेकिन इन दिनों फैशन और स्टाइल के लिए भी लड़कियां नाक में तरह-तरह की बाली, नथ पहनना पसंद करती हैं. भले ही यह परंपरा हो, लेकिन नाक छिदवाने के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं. myUpchar की डॉ. अप्रतिम गोयल का कहना है कि नाक छिदवाने से सेहत को कई फायदे होते हैं. कई वैज्ञानिकों ने इसे बीमारियों को ठीक करने की वैकल्पिक प्रक्रिया माना है. इसे एक्युपंक्चर पद्धति में शामिल किया जाता है जो कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़ी बीमारियों को ठीक करता है.
इतना ही नहीं नाक पर विशेष जगह छेद करने से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में राहत मिलती है. बाएं नथुने पर सही जगह छेद करने और बाली पहनने से एक खास फायदा होता है. इससे महिला को बच्चे के जन्म के वक्त आसानी होती है. कारण यह है कि महिला के बाएं नथुने की कई नसें महिलाओं के प्रजनन अंगों से जुड़ी होती हैं. यही नहीं महिलाएं सोने या चांदी से बनी नथ पहनती हैं, जिससे ये धातुएं लगातार शरीर के संपर्क में रहती हैं. इन धातुओं के गुण मिलते रहते हैं और इस वजह से नाक छिदवाने से फायदा होता है. नाक छिदवाने से माइग्रेन में राहत मिलती है.
नाक छिदवाने के बाद कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. कई बार नाक छिदवाने के बाद छेद की जगह उभार हो जाता है. इससे नाक में सूजन, खून निकलना और लालिमा कुछ हफ्ते तक रह सकती है. यह उभार कुछ वजहों से हो सकता है, जिसमें नाक छेदने में गलत तकनीक का इस्तेमाल, गंदे हाथों से नाक को छूना, बाली या अन्य आभूषणों से होने वाली एलर्जी आदि शामिल हैं. छिदवाने के बाद दिन में दो से तीन बार छेद के आसपास की जगह को साफ करना चाहिए. छेद वाले स्थान को छूने से पहले हाथ साबुन से धुले होने चाहिए. नाक के छेद पर टी ट्री ऑयल लगाना लाभकारी होता है.इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल, एंटी सेप्टिक और एंटी माइक्रोबियम गुण होते हैं. इससे घाव जल्दी भरता है और संक्रमण व सूजन कम होती है. लड़कियों की एक और आदत होती है कि जब नया-नया नाक छिदवाती हैं तो नाक की बाली से खेलने लगती हैं, उसे बैठे-बैठे घुमाने लगती हैं, ऐसा बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे जख्म गहरा हो सकता है. नाक के छेद के आसपास की पपड़ी को रगड़कर कभी न निकालें. अगर बाली नहीं पहननी है तो भी मेकअप से छेद छुपाने की कोशिश न करें. सूजन होने पर गर्म सेंक लगा सकते हैं. एक साफ कपड़े को पानी में भिगोकर उसक जगह पर सेंक सकते हैं.
अगर लगता है कि नाक छिदवाने के बाद संक्रमण हुआ है तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि यह गंभीर हो जाए. संक्रमण के लक्षणों में बुखार, लालिमा, छिदवाई जगह पर सूजन, दर्द या उस जगह से पीला या हरा डिस्चार्ज शामिल है. यह परेशानी दो सप्ताह तक बनी रहे तो जरूर डॉक्टर से मिलें.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, नाक छिदवाने के लाभ, सही समय और बाद की सावधानी पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए ना तो myUpchar और ना ही News18 जिम्मेदार होगा।
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