- Hindi News
- Local
- Chhattisgarh
- If The Team Came For The Investigation, The Waste Processing Plant Did Not Start Yet, The Focus On ‘3 R’ Ie Redus, Reuse And Recycle Is Necessary
रायपुर14 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
शास्त्रीबाजार में पसरी गंदगी।
स्वच्छ भारत सर्वेक्षण शहरी में रायपुर शहर को दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पूरे देश में 21 वां स्थान मिला है। 6 हजार अंक की इस बार की प्रतियोगिता में शहर ने 4098.72 अंक हासिल किए हैं। सफाई में नंबर वन रहने वाले इंदौर शहर से ये 1575.84 अंक कम है। टॉप पर रहे इंदौर शहर को 5647.58 अंक मिले हैं। दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में देश के 47 शहर थे। पिछले सर्वेक्षण में रायपुर को 41 वां स्थान मिला था। इस बार इस लिहाज से 20 स्थान का उछाल मिला है। हालांकि सभी श्रेणियों को मिलाकर देखें तो देश के 4242 शहरों के बीच रायपुर ने 62 वां स्थान हासिल किया है। पिछली बार से ये 21 पायदान नीचे है। सफाई में नंबर वन रहे शहर इंदौर ने प्रतियोगिता के हर हिस्से में भाग लिया। रायपुर ने शहर को कचरा मुक्त बनाने की एक हजार अंक वाली प्रतियोगिता यानी गार्बेज फ्री स्टार रेटिंग में दावा किया, लेकिन इसे इसमें एक भी अंक हासिल नहीं हो सका। लिहाजा 1000 अंक वैसे ही कम हो गए। ओडीएफ प्लस रेटिंग में शहर को 500 अंक मिले हैं। नए नियमों के तहत स्वच्छ भारत सर्वे की इस प्रतियोगिता को तीन लीग में बांटा गया था। इसमें तीनों लीग में 2-2 हजार अंक रखे गए। रायपुर पहली लीग में 1161.35 और दूसरी लीग में 1154.22 अंक मिले फाइनल लीग में 1783.15 अंक मिले।
ये कमियां जो नहीं सुधर पाईं
जनवरी में जमीनी जांच के लिए जब सर्वे टीम शहर में आई तब भी कचरे का प्रोसेसिंग प्लांट शुरू नहीं हो पाया, रायपुर को सबसे बड़ा झटका इसके लिए लगा। इसी तरह बल्क में यानी अधिक मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों में भी प्रोसेसिंग के लिए कोई बंदोबस्त नहीं दिखाई दिए। इससे भी अंक कमजोर हुए। सिटीजन फीडबैक में पीछे रहना हमारी इस बार भी कमजोर कड़ी साबित हुआ है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में सिर्फ 62 हजार लोगों ने ही सिटीजन फीडबैक दिया है। जबकि इंदौर में सिटीजन फीडबैक देने वालों की तादाद 2 लाख 33 हजार से ज्यादा रही है।
इंदौर जैसा नंबर एक बनना है तो…‘3-आर’ यानि रीड्यूस, रीयूज व रीसाइकिल पर फोकस जरूरी
रायपुर | चूंकि दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में भी इंदौर शामिल है। इंदौर नंबर-1 पोजिशन पर है। ऐसे में भास्कर ने इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ जाना कि रायपुर की अपनी रैंकिंग बढ़ाने के लिए क्या करना होगा।
रायपुर के लिए तीन आर जरूरी : स्वच्छता एक दीर्घ अवधि की योजना है। पहले सफाई सर्वे के लिए जो हमने कार्ययोजना बनाई थी, उसके आधार पर ही आज तक चलते आ रहे हैं। इससे ही हम लगातार बेहतर कर रहे हैं। शहर के लोगों का लगातार सहयोग मिल रहा है। पहले दिन जो हमारा उत्साह था, वो आज भी कायम है। रायपुर को तीन आर का सिद्धांत यानी रीड्यूस… कचरे में कमी, रीयूज… कचरे का दोबारा इस्तेमाल और रीसाइकिल… करने पर जोर देना चाहिए। नंबर वन का खिताब केवल एक दिन या एक महीने की सफाई से हासिल नहीं हो सकती ये सतत प्रक्रिया है। इसके लिए ऐसी ही प्लानिंग करना चाहिए। सफाई का इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऐसा बनाना चाहिए जो लंबे समय तक शहर के लिए उपयोगी साबित हो सके।
दो शहर अंकों से समझें कहां इंदौर कहां रायपुर रायपुर
- कुल अंक – 4098.72
- रैंक – 21
- लीग-सर्विस लेवल प्रोग्रेस – 1126.52
- सर्टिफिकेशन – 500
- प्रत्यक्ष जांच – 1252.00
- सिटीजन फीडबैक – 1220.20
इंदौर
- कुल अंक – 5647.56
- रैंक – 1
- लीग और सर्विस लेवल प्रोग्रेस – 1431.44
- सर्टिफिकेशन – 1300
- प्रत्यक्ष जांच – 1500
- सिटीजन फीडबैक – 1416.12
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में अच्छी रैंकिंग की उम्मीद
रायपुर शहर को दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में 21 वां स्थान हासिल होने से ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में भी शहर को अच्छी रैंक हासिल होने के आसार बढ़ गए हैं। दरअसल, इस बार ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के फाइनल रिजल्ट में स्वच्छता सर्वे की रैंकिंग को भी देखा जा रहा है। इस लिहाज से देखें तो अब तक जीने के लायक देश के सातवें शहर के रूप में रायपुर को जो पहचान मिली है। उसमें और ज्यादा इजाफा हो सकता है। रायपुर टॉप थ्री तक हासिल कर सकता है। शहर को इस इंडेक्स सूचकांक में अच्छी पोजिशन मिलती है तो ये शहर में निवेश और रोजगार के मौके बढ़ेंगे। ज्यादातर निवेशक आजकल किसी भी शहर में कारोबार या व्यवसायिक गतिविधियां शुरू करने के पहले जो सर्वे करते हैं उसमें विभिन्न सूचकांक का ख्याल भी रखते हैं।
“2020 में हम 21 रहे हैं। हर रायपुरवासी इसके लिए बधाई के पात्र हैं। अगले सर्वे में हम जरूर नंबर वन बनेंगे। इसके लिए अभी से रणनीति बनाएंगे। स्वच्छता सर्वे के टूलकिट पर दिए नियमों के मुताबिक ही सालभर काम करेंगे। जहां कमियां है, उसका विश्लेषण कर सुधार भी कर रहे हैं।”
-एजाज ढेबर, महापौर, रायपुर
“सफाई तंत्र कैसे काम कर रहा है। हमने इसकी मॉनिटरिंग को इस बार काफी बढ़ाया है। फाइव एएम आर्मी जैसे प्रयोग किए, संकरी का प्रोसेस प्लांट देरी से बन पाया, वर्ना हमारी रैंक और अच्छी आती। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से तकनीक के जरिए सफाई की मॉनिटरिंग को और ज्यादा बढ़ाएंगे।”
-सौरभ कुमार, कमिश्नर, नगर निगम
0