क्या है पूरा मामला
गोलीबारी की यह घटना रविवार 3 अगस्त को शाम करीब पांच बजे हुई, जिसका वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया. इस वीडियो क्लिप को सड़क के दूसरी तरफ से बनाया गया है और इसमें एक अश्वेत व्यक्ति फुटपाथ पर चलते हुए अपनी गाड़ी के सामने की तरफ आता है और ड्राइवर के तरफ वाला दरवाजा खोलता है तभी उसकी तरफ बंदूक ताने उसके पीछे आ रहा अधिकारी उस पर चिल्लाता है. जैसे ही व्यक्ति चालक की तरफ वाला दरवाजा खोलकर अंदर झुकता है, एक अधिकारी पीछे से उसकी शर्ट पकड़कर पीछे खींचता है और गोलियां चलाना शुरू कर देता है.
पुलिस ने रविवार को अश्वेत मूल के एक युवा जैकब ब्लेक को गोली मार दी (Photo-pikist)
क्या कहा प्रत्यक्षदर्शी ने
वीडियो बनाने वाले शख्स रेसीन वाइट ने सीएनएन से अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उसने पुलिस को अश्वेत व्यक्ति को पीटते देखा. वो अश्वेत जैकब ब्लेक था. पुलिस ने उसे कुल 7 गोलियां मारीं. वाइट ने ये भी कहा कि वो पुलिस को चिल्लाते सुन रहा था कि चाकू नीचे गिरा हो, हालांकि तब जैकब के पास कोई चाकू नहीं दिख रहा था. गोली लगने के तुरंत बाद पुलिसवाले ही उसे अस्पताल ले गए.
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हालत है नाजुक
घटना के दो दिनों बाद पहली बार परिवार का भावुक बयान आया. जैकब के पिता ने कहा कि उसे 7 बार गोली मारी गई, जैसे वो कुछ है ही नहीं. वो भी एक इंसान है और मैटर करता है. जैकब के वकील के मुताबिक जख्मी होने के कारण उसकी छोटी आंत और कोलोन निकालनी पड़ी, वहीं किडनी, लिवर और हाथ बुरी तरह से घायल हैं. फिलहाल वो पूरी तरह से ठीक हो सकेगा या नहीं, इसपर डॉक्टरों ने कोई बयान नहीं दिया है. इधर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है और मामले की जांच चल रही है.

अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी
कौन है ये शख्स
अब ये भी जानते हैं कि कौन हैं जैकब ब्लेक, जिसके लिए हजारों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं. जैकब का जन्म शिकागो के बाहर एक शहर इवेन्सटन में हुआ था. बाद में अच्छे फ्यूचर के लिए वो परिवार समेत केनोशा आ गए. ये वही शहर है, जहां ये दुर्घटना हुई. जैकब का पूरा परिवार सोशल वर्क से जुड़ा हुआ है. उनके दादा चर्च में पादरी हुआ करते थे. साथ ही साथ वो सिविल राइट्स मूवमेंट का हिस्सा भी रहे. इस दौरान वे लगातार नस्लों के आधार पर भेदभाव का विरोध करते रहे.
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खुद जैकब भी कई तरह की सोशल सर्विस से जुड़े हुए हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वे Black Urban Recycling नामक चैरिटी के लिए काम करते हैं. ये चैरिटी एलुमिनियम बोतलें जमा करके उन्हें रिसाइकल करती है और उससे कम्युनिटी सर्विस करती है.
पहले से ही था जैकब के खिलाफ वॉरंट
घटना के बाद कोर्ट को पता चला कि जैकब के खिलाफ यौन हिंसा, घर में जबरन घुसने के अपराध के चलते एक्टिव एरेस्ट वॉरंट था. हालांकि ये साफ नहीं हुआ है कि तब घटनास्थल पर पुलिस को इसकी जानकारी थी या नहीं. पुलिस के अनुसार वे एक घरेलू हिंसा के मामले को लेकर वहां पहुंचे थे.

जैकब भी कई तरह की सोशल सर्विस से जुड़े हुए हैं (Photo-pixabay)
पहले भी हो चुका है प्रदर्शन
वैसे बता दें कि अमेरिका में मई में भी एक मामला आया था, जिससे वहां के 30 से ज्यादा स्टेट्स में हिंसक प्रदर्शन होने लगे थे. यहां तक कि गुस्से की आंच दुनियाभर में फैल गई थी. ये मामला था मई में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की बर्बरता के कारण मौत का. दरअसल, अमेरिका के मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी. फ्लॉयड पर नकली बिल के जरिये भुगतान करने का आरोप था. इसी के चलते एक श्वेत पुलिस अधिकारी फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना टेककर उसे दबाता है.
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वीडियो में दिख रहा था कि अधिकारी कम से कम आठ मिनट तक अपने घुटने से जार्ज की गर्दन दबाए रखता है. इस दौरान जार्ज सांस रुकने की बात कहता नजर आता है. जार्ज का हिलना-डुलना और बोलना बंद हो जाने पर भी पुलिस अधिकारी अपना घुटना नहीं हटाता. इसके कुछ ही देर बाद फ्लॉयड की मौत हो गयी थी.
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फ्लायड की मौत के विरोध में अमेरिका के कई शहरों में कर्फ्यू का उल्लंघन कर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया था. कई स्टेट्स में प्रदर्शनकारियों ने कारों और इमारतों में आग लगा दी और दुकानों में घुस गए जिसके बाद उन पर काबू पाने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे. दंगाइयों ने मिनीपोलिस की उस पुलिस चौकी को फूंक दिया जहां फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था. घटना के चलते दुनियाभर में हिंसक प्रदर्शन होने लगे और यहां तक कि कई महान शख्सियतों पर भी नस्लभेद का आरोप लगा उनकी मूर्तियां तोड़ी गईं.