कानपुर2 दिन पहले
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बेटे को छुड़ाने की गुहार लगा रहे परिजन।
- बर्रा थाना प्रभारी पर लग रहे आरोपों को लेकर प्रभारी रणजीत राय को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है
- परिवार का कहना है कि पुलिस ने दबाव देकर बयान बदलवाया है, बैग में कपड़े नहीं 30 लाख रुपए ही थे
उत्तर प्रदेश के कानुपर में थाना बर्रा के अंतर्गत लैब टेक्नीशियन के अपहरण कांड में अपहरणकर्ता पुलिस से दो कदम आगे चल रहे हैं। अपहरणकर्ता के चंगुल से युवक को छुड़ाने पहुंची पुलिस को चकमा देते हुए फिरौती की रकम लेकर निकल गए और पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। घटना को लेकर मामला जब मीडिया में आया तो पहले तो पुलिस इनकार करती रही और बुधवार को कहानी गढ़ ली कि बैग तो फेंका गया पर उसमें रुपए नहीं कपड़े थे। पुलिस के दबाव के चलते परिजनों ने बयान भी दे दिया कि बैग में कपड़े थे लेकिन फिर देर शाम परिजन पलट गए।
उन्होंने पुलिस पर जबरदस्ती बयान दिलाने का आरोप लगाते हुए युवक को जल्द से जल्द सुरक्षित दिलाने की मांग की है। बर्रा थाना प्रभारी पर लग रहे आरोपों को लेकर रणजीत राय को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। लेकिन फिर भी पुलिस अभी भी सवालों के घेरे में ही है।
पुलिस का दावा- बैग में रुपए नहीं, कपड़े थे
कानपुर पुलिस को किरकिरी से बचाने के लिए इस घटना को लेकर अविकारी में मैदान में उतारा है और आनन-फानन में एसपी साउथ ने बयान जारी करते हुए कहा कि युवक की बहन के द्वारा दिया गया बयान गलत तरीके से लिया गया है। युवक की बहन ने स्वीकारा है कि बैग में रुपए नहीं कपड़े थे। लेकिन उनके पास अगवा लैब टेक्नीशियन का पता लगाने को लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं था।
तुम्हारे भाई को जान का खतरा हो सकता
बर्रा पुलिस पर परिजन लगातार 30 लाख रूपए फिरौती दिलवाने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, मंगलवार को परिजनों से पूछताछ कर एक वीडियो वायरल किया। इस वीडियो में उन्होंने खुशी से पूछा कि क्या बैग में 30 लाख रुपए थे। तो खुशी ने सिर हिला कर नहीं में इशारा किया। इस वीडियाे के वायरल होने के दूसरे दिन बुधवार को खुशी ने एक शख्स से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि क्राइम ब्रांच के कोई यादव जी घर आए थे। उन्होंने बैग में रुपए न होने का बयान देने का दबाव बनाया था। उन्होंने कहा कि अगर बैग में रुपए होने का बयान दोगी तो बदमाशों से तुन्हारे भाई को जान का खतरा हो सकता है। इस वह बयान बदलने को राजी हो गई थी।
पिता ने लगाया आरोप
चमन सिंह ने बुधवार को बताया कि बेटी रुचि की शादी बर्रा विश्वबैंक निवासी राहुल यादव से तय की थी। उसका चालचलन ठीक न होने की वजह से शादी तोड़ दी थी। इसके बाद दबाव बनाने के लिए राहुल बेटी को फोन करने के साथ ही मैसेज के जरिये धमकी दे रहा था। 22 जून को बेटे के लापता होने के बाद राहुल के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप है कि 26 जून मैनपुरी में तैनात एसओ ने फोन करके शादी का दबाव बनाया था।
इस दौरान करीब 35 मिनट तक उनसे बातचीत हुई थी। उनका दावा है कि पुलिस की जांच में मोबाइल नंबर एसओ का निकला था। बर्रा इंस्पेक्टर ने उल्टा राहुल के चाचा का ही पक्ष लिया। साथ ही इस पर चर्चा न करने की बात कही थी। पिता के अनुसार राहुल को हिरासत में लेने के दो सप्ताह बाद भी पुलिस कुछ उगलवा नहीं पाई।
यह है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा पांच निवासी पान दुकानदार चमनलाल यादव का इकलौता बेटा संजीत नौबस्ता स्थित एक निजी हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन है। वह 22 जून से ही लापता है। 23 जून को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अब तक उसका पता नहीं चला। 29 जून को फिरौती के लिए फोन आने पर अपहरण की जानकारी हुई। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड निकलवाया तो संजीत की साथ घटना के दिन राहुल नाम के युवक से होने की जानकारी मिली। राहुल का उसकी बहन से रिश्ता तय हुआ था लेकिन किसी कारण से टूट गया था। इस पर राहुल के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
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