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- All The Local Demands Of The Farmers Have Been Accepted, Now The Electricity Connection Will Be Available In The Dark Zone … But The Movement Continues
जोधपुर/तिंवरी/मथानिया5 मिनट पहले
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खेतों में तो पसीना बहाकर फिट रहते ही हैं, आंदोलन से खेत छूटा तो योग का सहारा
- बुधवार रात ढाई बजे तक चली वार्ता सकारात्मक लेकिन बेनतीजा रही, किसान महापड़ाव करने के लिए अड़े
- क्योंकि- किसानों की सबसे बड़ी मांग बिजली बिल में 833 रुपए के अनुदान देने की है और यह मामला सरकार के स्तर का
- किसान माणकलाव में ही डटे, पुलिस ने जोधपुर जाने से रोका, वाहनों के चालान कटने से आक्रोश
कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने और 833 रु. के अनुदान सहित 21 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच बुधवार देर रात हुई वार्ता में प्रशासन द्वारा किसानों की स्थानीय मांगे मान ली गई। कलेक्टर इंद्रजीतसिंह व डिस्कॉम एमडी अविनाश सिंघवी के साथ रात ढाई बजे तक वार्ता चली। ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से भी बात की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।
आखिरकार रात ढाई बजे दूसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई और किसान प्रतिनिधि वापस माणकलाव लौट आए। स्थानीय मांगे माने जाने के बावजूद किसान आंदोलन खत्म करने को राजी नहीं हुए। वे 6 महीने के बिजली के बिल माफ करने, 833 के अनुदान देने व एलपीएस में छूट देने की मांग पर अड़े हुए हैं। गुरुवार को माणकलाव के पास बड़ी संख्या में किसान पड़ाव डाल बैठे।
यहां से जोधपुर कूच की तैयारी में थे लेकिन पुलिस ने भी उन्हें आगे नहीं जाने दिया। शाम को एडीएम महीपाल भारद्वाज व एमएल नेहरा भी माणकलाव पहुंचे और किसानों से आंदोलन खत्म करने की समझाइश की। अब शुक्रवार को प्रशासन और किसानों के बीच पुन:वार्ता होगी। उधर, किसान संघ द्वारा चल रहे आंदोलन में भाग लेने जा रहे 20 से 25 किसानों के वाहनों का गुरुवार सुबह मथानिया क्षेत्र में पुलिस ने चालान काट दिया। जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।
बुधवार रात वार्ता में 5 बड़ी मांगों पर सहमति बनी, सरकार ने भी कलेक्टर से फीडबैक लिया, शुक्रवार को फिर होगी बातचीत
1. डार्कजोन में कृषि सिंचाई भूजल उपयोग की छूट
डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता प्रेमसिंह चौधरी ने बताया कि जिला स्तरीय सलाहकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर कृषि क्षेत्र में विद्युत कनेक्शन जारी किए जाएंगे। स्पेशल श्रेणी के कृषि कनेक्शनों पर लगी रोक भी हटाई गई है। इससे डार्कजोन क्षेत्रों में किसान अब कृषि उपयोग हेतु विद्युत कनेक्शन शिफ्ट कर सकेंगे। टू पम्प योजना का लाभ ले सकेंगे। अटके हुए 1200 किसानों को विद्युत कनेक्शन मिल जाएंगे।
2. बापिणी सबडिवीजन में अधूरी लाइन पूरी होगी
ग्रामीणों के आपसी विवाद के चलते लाइन का कार्य दो पोल खड़े करने को लेकर अटका हुआ है। अब पुलिस बल का सहयोग लेकर लाइन खड़ी करवाई जाएगी। विभिन्न पुनर्भुगतान योजनाओं के तहत किसानों के बकाया का भुगतान 30 दिन में करने पर सहमति बन गई है। गलत विद्युत बिलों का सुधार करने तत्काल प्राथमिकता वाले बूंद बूंद श्रेणी में अनुसूचित जनजाति व रिओपन के डिमांड नोट जारी करने पर भी सहमति बनी है।
3. कई जगह सुपर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे
विद्युत तंत्र विस्तार हेतु मूलोजी बेरा, गज्जा, उग्रास, केरलिसिंव, सांवरीज में 3.15 एमवीए अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर 5 दिन में लगाने पर सहमति बनी। वहीं 132 केवी जीएसएस चामू व नाथडाऊ में 25 एमवीए का पॉवर ट्रांसफार्मर 15 अक्टूबर से पहले लगाया जाएगा। एलपीएस माफी हेतु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजने पर सहमति दी और प्रमुख शासन सचिव ने एलपीएस माफी का आश्वासन दिया।
4. रबी 2017 का आपदा अनुदान भुगतान मिलेगा
ओसिया में रबी 2017 में स्वीकृत आपदा अनुदान वितरण से वंचित किसानों को अनुदान का चैक 15 दिन में जारी करवाया जाएगा। बाप में 100 प्रतिशत नुकसान की रिपोर्ट का हवाला देकर क्लेम रोका गया था। खरीफ 2019 में व्यक्तिगत क्लेम के आधार पर हुए रैंडम सर्वे में खराबा रिपोर्ट के बावजूद 12 हजार से ज्यादा किसानों को क्लेम नहीं मिला है। इसमें सही क्लेम सेटल के लिलए बीमा कंपनी से समाधान करवाया जाएगा।
5. चना खरीद का भुगतान कराया जाएगा
बाप समिति में चना खरीद में बड़ी गड़बड़ियां हुई थी। कई किसानों का भुगतान अटक गया तो कई किसानों का चना तोलने के बाद विक्रय पर्ची नहीं दी गई। किसानों से कहा गया कि च ना वापस ले जाइए। अब इस मामले में जिला उप रजिस्ट्रार व राजफैड क्षेत्रीय प्रबंधक पर खरीद निगरानी में लापरवाही बरतने की जांच की जाएगी। इसके बाद किसानों का अटका हुआ भुगतान करवाया जाएगा।
खेतों में तो पसीना बहाकर फिट रहते ही हैं, आंदोलन से खेत छूटा तो योग का सहारा
माणकलाव में सड़क किनारे बैठे डेढ़ से दो हजार किसानों ने यहीं रात गुजारी। गुरुवार सुबह किसानों ने योग कर स्वयं को तरोताजा किया। इसके बाद पूजा-अर्चना कर सड़क पर बैठ भोजन किया। किसानों के लिए भोजन वहीं पर बनाया गया। दिन चढ़ने के साथ ही अन्य गांवों से किसानों का माणकलाव पहुंचने का क्रम भी बढ़ गया। फिर जोधपुर कूच करने की घोषणा की। वाहन रोके तो पैदल ही जाएंगे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। देर रात तक किसानों से समझाइश की जा रही थी।
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