मटके का पानी पीने से कई तरह की बामारियों से छुटकारा मिलता है.
मिट्टी (soil) के मटके (Pot) का पानी मिट्टी के गुणों (Soil properties) से भरपूर होता है. मटके का पानी (water) पीने से प्यास भी खत्म होती है और कोई साइड इफेक्ट (side effect) भी नहीं होता है.
क्षारीय प्रकृति
मिट्टी प्रकृति में क्षारीय (क्षारीय भूमि उस मिट्टी को कहते हैं जिनका पीएच मान 9 से अधिक होता) है, तो यह शरीर में पीएच संतुलन बनाए रखने में मदद करती है. इसकी वजह यह है कि मानव शरीर प्रकृति में अम्लीय होने के लिए जाना जाता है. क्षारीय मिट्टी तब अम्लीय पानी के साथ प्रतिक्रिया करती है इसलिए एक उचित पीएच संतुलन बनता है. इसलिए मटके का पानी पीने से एसिडिटी और पेट के दर्द से राहत मिलती है.
गले की तकलीफों से लिएमटके का पानी खांसी या सर्दी से पीड़ित लोगों के लिए एक आदर्श पेय है. गर्मियों के दौरान सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि फ्रिज का पानी पीने में ठंडा हो सकता है और प्लास्टिक की बोतलों में बाहर रखा पानी बहुत गर्म होता है. मिट्टी के मटके का पानी प्यास बुझाने के लिए मिट्टी के गुणों से भरपूर होता है. फ्रिज का पानी पीने से गला खराब होने समेत कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन मटके का पानी पीने से प्यास भी खत्म होगी और कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा.
मेटाबॉलिज्म में सुधार
मिट्टी के बर्तन में जमा पानी से शरीर की प्राकृतिक मेटाबॉलिज्म प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. इसका कारण यह है कि यह पानी किसी भी प्रकार के रासायनिक घटकों के संपर्क में नहीं आता है.
हीलिंग गुण से भरपूर
मिट्टी के मटके में हीलिंग यानी उपचार के गुण होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मिट्टी का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के खनिजों और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा में बर्तन बनाने के लिए किया जाता है. जब बर्तन में पानी भर जाता है और फिर पिया जाता है, तो लाभ शरीर में स्थानांतरित हो जाते हैं.
विषाक्त पदार्थों का डर नहीं
मटके का पानी पीने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी भी तरह के जहरीले रसायनों का डर नहीं होता है. प्लास्टिक की बोतलों में पाए जाने वाले एक शक्तिशाली जहरीले रसायन बीपीए का कोई डर नहीं है. इस पानी में दूषित होने की आशंका नहीं रहती है. वहीं मिट्टी सभी विषैले पदार्थ को सोख लेती है. जिन लोगों को गर्मी में खट्टी डकार और अपच की समस्या रहती है, वे पीने के पाने के लिए मटके का ही इस्तेमाल करें.
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