![उदयपुर की झीलें भरने के लिए बनाया था 379 करोड़ का देवास-2 प्रोजेक्ट, आकोदड़ा बांध छलका कर मानसी वाकल भर रहा जल संसाधन विभाग, यहां खाली पड़े हैं बड़े बांध उदयपुर की झीलें भरने के लिए बनाया था 379 करोड़ का देवास-2 प्रोजेक्ट, आकोदड़ा बांध छलका कर मानसी वाकल भर रहा जल संसाधन विभाग, यहां खाली पड़े हैं बड़े बांध](https://images.bhaskarassets.com/thumb/720x540/web2images/521/2020/09/02/education-bord-of-raj_1599000255.jpg)
- Hindi News
- Local
- Rajasthan
- Udaipur
- The 379 crore Dewas 2 Project Was Built To Fill The Lakes Of Udaipur, The Water Resources Department Filling The Mansi Wakal By Spilling The Akodara Dam, Large Dams Are Lying Vacant Here
उदयपुर12 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
- वल्लभनगर और मावली के लोग इंतजार कर रहे उदयसागर के पानी का, ताकि इन डार्क जोन में गर्मियों में न हो मारामारी
(देवेंद्र शर्मा) शहर में स्वरूपसागर (पीछाेला) पर चादर चल रही है और फतहसागर पाैने दाे फीट खाली है। आधे से ज्यादा मानसून बीतने के बाद भी उदयसागर, वल्लभनगर बांध और मावली क्षेत्र में बड़गांव बांध खाली हैं। देवास प्रथम, मादड़ी और आकाेदड़ा बांध का पानी डायवर्ट कर समय रहते इन सभी जलाशयाें काे भरा जा सकता है, लेकिन जल संसाधन विभाग आकाेदड़ा बांध काे ओवरफ्लाे कर इस पानी से मानसी वाकल बांध काे भरने में लगा है।
मादड़ी बांध भी आधे से ज्यादा भरने के बावजूद इसका पानी भी उदयपुर नहीं लाया जा रहा है। बता दें, 379 कराेड़ लागत वाले देवास प्राेजेक्ट-2 के तहत आकाेदड़ा और मादड़ी बांध बनाने का मकसद यही था कि पहले शहर की झीलें, फिर उदयसागर और वल्लभनगर बांध को भरा जा सके। मानस वाकल पानी भेजने पर सवाल इसलिए भी है कि आकाेदड़ा से ही इस बांध काे भरना हाेता ताे उसी नदी में पानी राेकने के लिए बांध बनाने की कहां जरूरत थी जाे कि मानसी वाकल काे वैसे ही भरती थी।
देवास प्राेजेक्ट-2 भी इसलिए बनाया गया था ताकि 104 गांवाें में पीने के पानी की व्यवस्था की जा सके। विभाग फिलहाल यही दलील दे रहा है, लेकिन भास्कर ने विशेषज्ञों से बात की तो यह भी सामने आया कि अभी प्राथमिकता मानसी वाकल नहीं, शहर और जिले के बांध-तालाबों को भरने की है। क्योंकि मानसी वाकल बांध में इतना पानी है कि जल्द भर ही जाएगा।
चिंता : उदयसागर सवा 3, वल्लभनगर 13.2 और बड़गांव बांध करीब 10 फीट खाली
सवाल : नदी तो मानसी वाकल को भरती ही थी, फिर इस पर बांध की जरूरत कहां थी
मानसून के पांच दाैर हो चुके और 24 फीट क्षमता वाला उदयसागर 21.7 इंच ही भर पाया है। वल्लभनगर बांध में 20 फीसदी पानी ही आया है। इसका गेज 19.5 फीट के मुकाबले 6 फीट 3 इंच ही हाे पाया है। ये दाेनाें बाध छलकते हैं ताे मावली क्षेत्र के बड़गांव बांध में पानी पहुंचता है। इस बांध में फिलहाल 25 फीसदी पानी है और 25 फीट के मुकाबले जलस्तर 15 फीट 4 इंच ही है।
आधे से ज्यादा मानसून बीतने के बाद अब इन जलाशयाें के खाली रहने से क्षेत्रवासियाें की चिंता बढ़ रही है। क्योंकि कि इन पर लाखों बीघा खेतों की सिंचाई निर्भर है और इनके खाली रहने पर गर्मियों में भूजल स्तर पर भी असर पड़ सकता है। ये इलाके वैसे ही डार्क जाेन में हैं, जो बरसों से मई-जून में जल संकट से जूझते आ रहे हैं।
भास्कर नजरिया : अभी तो भर सकते हैं झीलें और बांध, मानसी वाकल में पर्याप्त है पानी और बढ़ेगा ही क्योंकि मानसून खत्म नहीं हुआ
आकाेदड़ा बांध : 302 एमसीएफटी क्षमता और 60.40 फीट भराव स्तर वाला यह बांध तीन दिन से ओवरफ्लाे है। पानी मानसी वाकल बांध में ले जा रहे हैं। जबकि 11 किमी लंबी टनल से यह पानी उदयपुर ला सकते हैं। यह भी है कि मानसी वाकल बांध से भी शहरी पेयजल व्यवस्था हाेती है और यह पानी पंप से लिफ्ट कर उदयपुर लाया जाता है। मानसी वाकल का गेज 581.20 मीटर के मुकाबले 578.40 मीटर हाे चुका है। मानसून के छठे दौर में कैचमेंट में एक बार तेज बारिश हुई ताे इसका पानी ओवरफ्लाे हाेकर सीधा गुजरात जाएगा।
मादड़ी बांध : 85.45 एमसीएफटी भराव और 34 फीट पूर्ण भराव स्तर वाले इस बांध का गेज 28 फीट 5 इंच हाे चुका है। इसका गेट खाेलकर टनल से पानी उदयपुर लाने का अभी सही समय है, क्याेंकि टनल के अमरजाेक जाेक व बूझड़ा नदी का पेटा अभी तर है ओर सीसारमा नदी में बहाव बना हुआ है। ऐसे में गेट खाेले जाते हैं ताे कम समय और बिना किसी नुकसान के पूरा पानी उदयपुर आ सकता है। गाैरतलब है कि पिछले दाे-तीन साल से मानसून के बाद अज्ञात लाेग मादड़ी बांध के डाउन स्ट्रीम में गेट खराब करते आ रहे हैं। इस कारण यह पानी मानसून के बाद वैसे ही बर्बाद हाे रहा है। ऐसे में बांध काे भरा रखने का औचित्य नहीं है।
आकोदड़ा को ओवरफ्लो करना ही नहीं था, मानसी वाकल छलका तो पानी गुजरात जाएगा : एक्सपर्ट
आकाेदड़ा बांध काे ओवरफ्लाे करना ही नहीं था। समय रहते यह पानी ले आते ताे उदयपुर की झीलेें जल्दी भर जातीं और इनके छलकने पर उदयसागर-वल्लभनगर बांध की पूर्ति हाे जाती। अतिरिक्त पानी हाेने पर बड़गांव बांध भी भर सकते हैं। इससे कमांड एरिया काे किसानाें काे सिंचाई सुविधा के लाभ के साथ साथ क्षेत्र के भूजल स्तर में सुधार आता। अभी मानसून का सीजन बाकी है और कैचमेंट में तेज बारिश हाेती है ताे मानसी वाकल ओवरफ्लाे हाे गया ताे पानी वेस्ट हाेकर सीधा गुजरात ही जाएगा।
हालांकि यह बात अलग है मानसी वाकल भी पेयजल व्यवस्था में काम आ रहा है, लेकिन ऐसी स्थिति बन जाए कि मानसी वाकल ओवरफ्लाे हाेकर गुजरात चला और हमारी झीलें खाली रह जाएं। यह सही है कि मानसी वाकल का पानी पेयजल में काम आता है, लेकिन इस साल ऐसी स्थिति नहीं है कि पहले मानसी वाकल काे भरें।
-पदम बाेहरा, रिटायर्ड एसई, जलसंसाधन विभाग
अधिकारियों से फीडबैक लेकर जल्द ही न्याय संगत निर्णय करेंगे
^आपकी बात सही है कि देवास प्राेजेक्ट -2 डायवर्जन स्कीम के तहत बना है और आकाेदड़ा-मादड़ी बांध इसी प्राेजेक्ट का हिस्सा है। इस पानी पर पहला हक उदयपुर की झीलाें का है, लेकिन मानसी वाकल बांध भी पेयजल व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। फिर भी विभागीय अधिकारियाें से फीडबैक लेकर जल्द ही न्याय संगत निर्णय लिया जाएगा।
–आरके जैमिनी, एसई, जलसंसाधन विभाग
0