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- Result Three Times In Eight Years, Adjustment Of 6 Thousand 235 With Less Marks, Waiting For Appointment Of More Marks
पालीएक घंटा पहले
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2012 में सरकार द्वारा निकाली गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद तीन बार संशोधित परिणाम जारी हाेने के बाद अधिक अंक हाेने के बाद भी सरकारी सेवा से वंचित हैं
- राज्य सरकार ने कोर्ट में चल रहे विचाराधीन मामलों को छोड़ भर्ती को पूरा मानकर बंद किया
- हाईकोर्ट ने प्रदेश के 375 याचिकाकर्ताओंं काे नियुक्ति के आदेश दिए थे
2012 में सरकार द्वारा निकाली गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद तीन बार संशोधित परिणाम जारी हाेने के बाद अधिक अंक हाेने के बाद भी सरकारी सेवा से वंचित हैं। काेर्ट के आदेशों काे लेकर वाे जिला परिषद से लेकर सीएम तक पहुंचे, लेकिन नियुक्ति नही मिली।
अभ्यर्थी अधिक अंक हाेने के बाद भी 8 सालाें से सरकारी शिक्षक बनने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि संशोधित रिजल्ट के बाद वरीयता सूची से बाहर हुए प्रदेश 6 हजार 235 शिक्षकों का पंचायती राज व शिक्षा विभाग में समायोजन भी कर दिया। इधर, 2012 की भर्ती काे भी बंद कर दी है। सिर्फ काेर्ट के आदेशों के मामलाें काे ही जारी रखा है। जबकि यह सभी अभ्यर्थी काेर्ट का आदेश लेकर घूम रहे हैं।
विधायक पारख उठाएंगे विधानसभा में मामला
बेराेजगाराें की मांग काे लेकर विधायक ज्ञानचंद पारख ने विधानसभा में मामला उठाएंगे। ताकि अधिक अंक के बाद नियुक्ति से वंचिताें काे नियुक्ति मिल सके। उन्होंने बताया कि बेरोजगारों के साथ पिछले आठ सालों से अन्याय हो रहा है।
ऐसे समझें पूरी भर्ती प्रक्रिया में बेरोजगारों के साथ हुए अन्याय काे: कोर्ट ने फरवरी 2017 में राजस्थान सरकार के खिलाफ सुनाया था फैसला
फैक्ट फाइल
- विज्ञप्ति : 24.02.2012
- परीक्षा : 02.06.2012
39544 प्रदेश में कुल पद
10609 प्रथम लेवल के पद
28935 द्वितीय लेवल के पद
2614 पद पाली में
परीक्षा एक, परिणाम 3 बार
पहला रिजल्ट अगस्त 2012
द्वितीय संशोधित सितंबर 2013
तृतीय पुन: संशोधित नवंबर 2016
1. जालाेर, प्रतापगढ़, झालावाड़, सिराेही में नियुक्ति, प्रदेश के 375 से अधिक अभ्यर्थियों काे इंतजार हैं
काेर्ट के आदेश के बाद जालाेर, प्रतापगढ़, झालावाड़ व सिराेही के जिला परिषद ने जाे 2012 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित है। और वर्तमान में सरकारी स्कूलों में पदस्थापित है। उनसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियाें काे चार जिलाें में ताे नियुक्ति दे दी है। पाली में अभी तक ऐसा काेई आदेश जारी नही हुआ है। इसके चलते अभ्यर्थी अधिक अंक हाेने के बाद भी बेराेजगार भटक रहे हैं।
2. 2012 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती ही बंद कर दी, हाईकाेर्ट में विचाराधीन मामलाें काे अलग रखा है
राज्य सरकार ने 2012 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती ही बंद कर दी है। लेकिन ग्रामीण विकास व पंचायतराज विभाग की 13 जनवरी 2020 काे आदेश निकाल यह भी प्रावधान किया की जाे मामले काेर्ट में चल रहे है। या फिर काेर्ट के आदेशों की पालना में आ रहे हैं। उनकाे इससे मुक्त रखा। पाली सहित प्रदेश में कई जिलाें में काेर्ट के आदेश के बाद भी सेवारत शिक्षकों से अधिक अंक हाेने के बाद भी नियुक्त नही मिल रही है।
3. 12 से अधिक मंत्री और विधायकाें ने मुख्यमंत्री व पंचायतीराज विभाग को लिखा पत्र, कोई निर्णय नहीं
नियुक्तियाें की मांग काे लेकर विधायकाें ने भी मुख्यमंत्री व पंचायतराज विभाग काे कई पत्र लिखे। लेकिन इसके बाद भी काेई निर्णय नही हुअा। िवधायक मीना कंवर, भंवरलाल शर्मा, पूर्व मंत्री व विधायक हेमाराम चाैधरी, कैलाश त्रिवेदी, विश्वेंद्रसिंह, मेवाराम जैन, मुकेश भाकर, अशाेक गाेलिया, बलवान पुनियां, पदमाराम मेघवाल, अमित चाचाण ने मुख्यमंत्री व तत्कालीन उपमुख्यमंत्री काे पत्र लिखकर मांग की। इसके बाद काेई निर्णय नहीं हुआ।
अनदेखी: सुप्रीम काेर्ट और हाईकाेर्ट के आदशों की भी पालना नहीं हुई
हाईकोर्ट के निर्णय 8 जनवरी, 29 जनवरी 2020 को 908/2017 नमोनारायण शर्मा बनाम राजस्थान सरकार में रिक्त पदाें पर (मृत्यु, त्यागपत्र, कार्यग्रहण नहीं करना या अन्य सेवाओं में जाने से रिक्त पद) अधिक अंक प्राप्त 375 याचिकाकर्ताओंं काे 8 सप्ताह में नियुक्ति के आदेश जारी किए थे।
इन अभ्यर्थियाें के सेवारत शिक्षकों से अधिक अंक
अभ्यर्थी | विषय | प्राप्तांक |
1. केवलचंद मोसलपुरिया | गणित-विज्ञान | 121.38 |
2. गाैतम | लेवल-1 | 135.53 |
3. संपत जांगिड़ | गणित-विज्ञान | 126.86 |
4. कविता चाैधरी | गणित-विज्ञान | 109.59 |
5. गाेविंद पुरी | हिंदी | 158.89 |
6. गेनाराम | सामाजिक | 135.75 |
7. रतनलाल | हिंदी | 151.22 |
इनके भी नंबर सेवारत से अधिक
साेहनलाल, रामस्वरुप, विकास बगरिया, राजपाल, सुनील स्वामी, नीतू स्वामी, एजाज माेहम्मद, निशा जैन, कृष्ण कुमार, माधव प्रसाद जांगिड़, शिवपाल मीणा, मूलाराम, संजू कुमारी, मंजू बिठू, परमेश्वर, अशाेक कुमार पुनिया, रमाकांता लखारा, वरुणसिंह, गेनाराम, भीकाराम कुमावत, हिम्मतसिंह, भारतसिंह, कनिष्ठा, कपिल जैन, दुर्गाराम, बजरंगसिंह चारण के भी विभिन्न विषयाें में सेवारत शिक्षकाें से अधिक अंक है।
प्रदेश की यह स्थिति कम अंक वालाें का समायाेजन अधिक अंक वालाें काे भी इंतजार
नंवबर 2016 काे अंतिम संशाेधित परिणाम के प्रदेश के 6 हजार 235 शिक्षक जाे सेवारत थे। वाे वरीयता सूची बाहर हाे गए। इसके बाद रिक्त पदाें के विरुद्ध 3008 शिक्षकाे काे समायाेजित कर दिया। इसके बाद शिक्षा विभाग के रिक्त पदाें पर अन्य 3227 काे समायाेजित कर दिया।
पाली की यह स्थिति
कुल पद : 2588 विज्ञापित पदाें के विरुद्ध नियुक्तियां : 2813 (328 अाउटर का समायाेजन) कार्यग्रहण नही किया : 125 कार्यग्रहण के बाद सेवा त्याग : 49 अन्य कारणाें से त्याग : 106 कुल : 280
3 बार संशोधित परिणाम से सेवारत शिक्षकों के कम हुए अंक, और अन्य वेटिंग वालाें के अधिक हाे गए, अभ्यर्थी अब कर रहे इंतजार
- प्रश्नों की गड़बड़ी के कारण तीन बार 2012, 2013 व 2016 में संशोधित परिणाम जारी किए है। जिसके आधार पर नई मेरिट तैयार की गई। जिसके चलते सेवारत शिक्षकों के अंक कम हाे गए। लेकिन इसके बाद भी उनकाे सेवा में रखा गया। अाैर अधिक अंकाें वाले अभ्यर्थियाें काे नियुक्ति से वंचित हाेना पड़ा।
- अधिक अंक हाेने के बाद भी नियुक्ति नही मिलने से यह काेर्ट की शरण में पहुंचे। इसके बाद काेर्ट ने 9.2.2017 काे 750/2017 मुकेश कुमार टेलर बनाम राजस्थान सरकार के फैसले में रिक्त पदाें में से अधिक अंक प्राप्त याचिकाकर्ताओंं काे छह माह में नियुक्ति के आदेश दिए।
2012 की भर्ती में सभी नियुक्तियां नियमानुसार, जाे भी सरकार के आदेश हाेंगे उनके अनुसार ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे
- 2012 की भर्ती में सभी नियमानुसार नियुक्तियां दी गई है। वर्तमान में पद ही रिक्त नहीं है। यह मामला अब सरकार के स्तर पर ही निर्णय हाे सकता है। इसलिए अब राज्य सरकार के जो भी आदेश हाेंगे उनके अनुसार ही इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी। – प्रहलाद सहाय नागा, सीईओ जिला परिषद
नाेट : यह सभी तथ्य केवलचंद व ओमप्रकाश द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं के आधार पर हैं।
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